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 Bihar Board Class 12th Geography Notes Chapter 8 परिवहन एवं संचार

Bihar Board Class 12th Geography Notes Chapter 8 परिवहन एवं संचार

→ परिवहन, संचार एवं व्यापार, उत्पादन केन्द्रों और उपभोग केन्द्रों को जोड़ते हैं।

→ प्रत्येक प्रदेश उन्हीं वस्तुओं का उत्पादन करता है, जिसके लिए वहाँ आदर्श दशाएँ उपलब्ध होती हैं।

→ परिवहन

  • व्यक्तियों और वस्तुओं को एक स्थान से दूसरे स्थान तक वहन करने की सेवा अथवा व्यवस्था को ‘परिवहन’ कहा जाता है।
  • परिवहन की इन विधाओं का प्रयोग अन्तर्घादेशिक तथा अन्तराप्रादेशिक परिवहन के लिए किया जाता है।
  • परिवहन की किसी विधा की सार्थकता परिवहित की जाने वाली वस्तुओं और सेवाओं के प्रकार, परिवहन की लागतों और उपलब्ध विधा पर निर्भर करती है।

Bihar Board Class 12th Geography Notes Chapter 8 परिवहन एवं संचार 1

→ (I) स्थल परिवहन

  • स्थल परिवहन में (i) रेल, एवं (ii) सड़कें आती हैं।
  • महामार्ग-महामार्ग वे पक्की सड़कें हैं जो दूरस्थ स्थानों को मिलाती हैं। ये सड़कें इस प्रकार बनाई जाती हैं कि इन पर आवागमन बिना रुकावट के हो सके।

→ महाद्वीपपारीय रेलमार्ग

  • महाद्वीपपारीय अथवा अन्तर्महाद्वीपीय रेलमार्ग वे रेलमार्ग होते हैं जो किसी महाद्वीप के एक छोर को दूसरे छोर से जोड़ते हैं।
  • विश्व के महत्त्वपूर्ण महाद्वीपपारीय रेलमार्ग हैं
    (1) ट्रांस साइबेरियन रेलमार्ग, (2) पार-कैनेडियन रेलमार्ग, (3) ऑस्ट्रेलियाई पार महाद्वीपीय रेलमार्ग, (4) संघ एवं प्रशान्त रेलमार्ग, (5) ओरिएण्ट एक्सप्रेस, (6) अफ्रीकी अन्तर्महाद्वीपीय रेलमार्ग।

→ (II) जल परिवहन

  • जल परिवहन को दो भागों में विभक्त किया जाता है –
    (1) महासागरीय मार्ग, एवं (2) आन्तरिक जलमार्ग।

→  1. महासागरीय मार्ग-विश्व के महत्त्वपूर्ण महासागरीय मार्ग निम्नलिखित हैं(i) उत्तरी अटलाण्टिक मार्ग, (ii) भूमध्यसागर-हिन्द महासागरीय मार्ग, (iii) दक्षिण अटलाण्टिक मार्ग, (iv) उत्तमाशा अन्तरीप मार्ग, (v) उत्तरी प्रशान्त मार्ग, एवं (vi) दक्षिणी प्रशान्त मार्ग।

  • नौ परिवहन नहरें –
    (1) स्वेज नहर, एवं (2) पनामा नहर।

→  2. आन्तरिक जलमार्ग-जिन नौका-वहन योग्य नदियों, झीलों, नहरों, नावों तथा स्टीमरों एवं तटीय क्षेत्रों का प्रयोग सामान व सवारियों के परिवहन के लिए किया जाता है, उन्हें ‘आन्तरिक जलमार्ग’ कहते हैं।

→  यूरोप के आन्तरिक जलमार्ग-
(i) राइन जलमार्ग, (ii) डैन्यूब जलमार्ग, एवं (iii) वोल्गा जलमार्ग।

→  उत्तरी अमेरिका के आन्तरिक जलमार्ग
(i) महान झीलें-सेंट लॉरेंस जलमार्ग, (ii) मिसीसिपी जलमार्ग।

→  एशिया के आन्तरिक जलमार्ग
(i) यांगटिसीक्यांग, (ii) सीक्यांग, एवं (iii) भारतीय नदियों के जलमार्ग।

→ (III) वायु परिवहन .

  • वायु परिवहन, परिवहन का तीव्रतम साधन है, परन्तु यह अत्यन्त महँगा भी है।
  • वायु परिवहन से कीमती वस्तुओं को विश्व में कहीं भी भेजा जा सकता है।
  • वर्तमान में विश्व का कोई भी स्थान 35 घण्टे से अधिक की दूरी पर नहीं है।

→  वायु परिवहन का विश्व वितरण

  • ब्रिटेन ने वाणिज्यिक वायु परिवहन में अनुकरणीय सफलता प्राप्त की है, वहाँ संयुक्त राज्य अमेरिका

→ अन्तर्महाद्वीपीय वायुमार्ग ।

  • उत्तरी गोलार्द्ध में अन्तर्महाद्वीपीय वायुमार्गों की एक सुस्पष्ट पूर्व-पश्चिम पट्टी दिखाई देती है।
  • संयुक्त राज्य अमेरिका, पश्चिमी यूरोप और दक्षिण-पूर्वी एशिया में वायुमार्गों का सघन जाल पाया जाता है।

→ (IV) पाइप लाइनें

  • पाइप लाइन परिवहन की अपेक्षाकृत एक नई व सबसे सुगम पद्धति है।
  • जल, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस; जैसे-तरल एवं गैसीय पदार्थों के अबाधित प्रवाह और
    परिवहन के लिए पाइप लाइनों का व्यापक रूप से प्रयोग किया जाता है।
  • संयुक्त राज्य अमेरिका के उत्पादक क्षेत्रों और उपभोग क्षेत्रों के बीच तेल पाइप लाइनों का सघन जाल पाया जाता है। ‘बिग इंच’ ऐसी ही एक प्रसिद्ध पाइप लाइन है।
  • यूरोप, रूस, पश्चिम एशिया और भारत में पाइप लाइनों का प्रयोग तेल के कुओं को. तेल परिष्करणशालाओं और पत्तनों अथवा घरेलू बाजारों से जोड़ने के लिए किया जाता है।

→ संचार

  • लम्बी दूरियों के संचार हेतु मनुष्य ने टेलीग्राफ और टेलीफोन विधियों का प्रयोग किया।
  • आज भी टेलीफोन सर्वाधिक प्रयोग की जाने वाली विधा है।
  • 1990 में दूरसंचार का धीरे-धीरे कम्प्यूटर के साथ विलय हो गया और एक समन्वित नेटवर्क इण्टरनेट का जन्म हुआ।

→ उपग्रह संचार

  • उपग्रह संचार तकनीक में विभिन्न प्रकार के टेलीफोन, टैलेक्स व ध्वनि संकेत भू-केन्द्रों की सहायता से उच्च आवृत्ति में बदलकर पृथ्वी की सतह से उपग्रह प्रेषित किए जाते हैं। उपग्रह इन उच्च आवृत्ति संकेतों को अभिगृहीत (Receiye) करता है तथा उसके बाद उसे दूसरी आवृत्ति में बदलकर पुन: पृथ्वी की तरफ भेज देता है जिनका अभिग्रहण अभिग्राही भू-केन्द्र (Receiving Earth Centres) करते हैं।
  • उपग्रह विकास के क्षेत्र में भारत के कदम-उपग्रह विकास के क्षेत्र में भारत ने विश्व में सर्वाधिक सफलता प्राप्त की है। वर्तमान में भारत अनेक देशों के उपग्रह अन्तरिक्ष में स्थापित कर रहा है।

→ साइबर स्पेस-इण्टरनेट

  • इण्टरनेट एक सुविधाजनक सम्पर्क प्रणाली है जिसमें कोई भी प्रयोगकर्ता माइक्रोकम्प्यूटर और मॉडेम के माध्यम से साइबर स्पेस से जुड़ सकता है।
  • साइबर स्पेस इलेक्ट्रॉनिक कम्प्यूटरीकृत क्षेत्र का संसार है जो इण्टरनेट और वर्ल्ड वाइड वेब
    (www) जैसी प्रौद्योगिकी से संचालित है।
  • इण्टरनेट नवीनतम जानकारियों का अनन्त खजाना है।
  • वर्तमान में इण्टरनेट के अधिकांश वैश्विक प्रयोक्ता संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, जापान, चीन और भारत में रहते हैं।
  • परिवहन के साधनों की तुलना में वैश्विक ग्राम’ की संकल्पना को साकार करने में आधुनिक संचार का कहीं ज्यादा महत्त्व है।

→ परिवहन-उपयोगी वस्तुओं और यात्रियों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक लाना-ले जाना।

→ संचार-सूचनाओं का उनके उद्गम स्थल से लक्ष्य तक किसी चैनल के माध्यम से पहुँचाना।

→ महामार्ग-दूरस्थ स्थानों को जोड़ने वाली पक्की सड़कें।

→ सीमावर्ती सड़कें अन्तर्राष्ट्रीय सीमाओं के सहारे बनाई गई सड़कें।

→ उपग्रह संचार-अन्तरिक्ष में प्रक्षेपित किए गए कृत्रिम उपग्रहों की सहायता से संचार में आई क्रान्ति।

→ परिवहन जाल-अनेक स्थान जिन्हें परस्पर मार्गों की श्रेणियों द्वारा जोड़ दिए जाने से जिस प्रारूप का निर्माण होता है।

→ रज्जुमार्ग-ऊबड़-खाबड़ भूमि पर रस्सियों द्वारा बनाया गया मार्ग।

→ केबल मार्ग-ऊबड़-खाबड़ भूमि पर केबिल (तार) द्वारा बनाया गया यात्रा का मार्ग।

→ महाद्वीपपारीय रेलमार्ग-महाद्वीप के आर-पार बनाए गए तथा इसके दो सिरों को जोड़ने वाले मार्ग।

→ अन्तःस्थलीय जलमार्ग-स्थल भागों पर स्थित नदियों, झीलों तथा नहरों के जलमार्ग पर नावों तथा स्टीमरों का परिवहन के रूप में प्रयोग से वस्तु तथा यात्रियों का आवागमन होना।

→ बिग इंच-संयुक्त राज्य अमेरिका की सबसे प्रसिद्ध पाइप लाइन।

→ पत्तन—यह गोदी, घाट एवं सामान उतारने और चढ़ाने की सुविधाओं से युक्त ऐसा स्थान होता है जो स्थल मार्गों से जुड़ा होता है। पत्तन वास्तव में बन्दरगाह की ‘Operational Site’ होती है।

→ पश्च प्रदेश—किसी महानगर या बन्दरगाह से जुड़ा वह विस्तृत क्षेत्र जो उस महानगर और बन्दरगाह की सेवा करता है और उनसे सेवाएँ भी प्राप्त करता है।

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