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 JAC Board Jharkhand Class 9th Social Science history Solutions chapter - 1 - फ्राँसीसी क्रांति

JAC Board Jharkhand Class 9th Social Science history Solutions chapter- 1- फ्राँसीसी क्रांति

                         भारत और समकालीन विश्व
                                   फ्राँसीसी क्रांति
                              बहुविकल्पीय प्रश्नोत्तर

* सही विकल्प का चयन करें-
प्रश्न 1. फ्राँसीसी क्रांति कब शुरू हुई थी ?
(a) 14 जुलाई, 1789,

(b) 17 जुलाई, 1795,

(c) 1 जुलाई, 1780,

(d) इनमें कोई नहीं।
                             उत्तर-(a)

प्रश्न 2. टाइद का अर्थ होता है-
(a) सामान्य कर,

(b) उत्पाद कर,

(c) धार्मिक कर,

(d) इनमें कोई नहीं।
                            उत्तर-(c)

प्रश्न 3. चर्च के विशेष कार्यों को करने वाले व्यक्तियों के समूह को कहा जाता है-
(a) मजदूर वर्ग,

(b) पादरी वर्ग,

(c) किसान वर्ग,

(d) इनमें कोई नहीं।
                            उत्तर- (b)

प्रश्न 4. 1774 ई० में फ्राँस की राजगद्दी पर कौन आसीन हुआ ?
(a) लुई प्रथम ।,

(b) लुई दशम,

(c) लुई XVI,

(d) इनमें कोई नहीं।
                           उत्तर-(c)

प्रश्न 5. लिब्रे क्या है ?
(a) फ्राँस की मुद्रा,

(b) फ्राँस लिबरेशन पार्टी,

(c) फ्राँसीसी कर,

(d) इनमें कोई नहीं।
                           उत्तर-(a)

प्रश्न 6. सीधे राज्य को अदा किये जाने वाले कर कहते हैं-
(a) टाइद,

(b) टाइल,

(c) सैन्य कर,

(d) इनमें कोई नहीं।
                            उत्तर-(b)

प्रश्न 7. फ्राँसीसी क्रांति की शुरुआत किस शहर में हुई थी ?
(a) रोम,

(b) ब्रिटेन,

(c) पेरिस,

(d) इनमें कोई नहीं।
                            उत्तर-(c)

प्रश्न 8. नेपोलियन बोनापार्ट कौन था ?
(a) जमर्नी का सम्राट,

(b) फ्राँस का सम्राट,

(c) रूस का सम्राट,

(d) इंग्लैंड का सम्राट ।
                               उत्तर-(b)

प्रश्न 9. आतंक का राज्य किसने स्थापित किया ?
(a) लुई 16वाँ,

(b) नेपोलियन बोनापार्ट,

(c) रोबेस्पेयर,

(d) इनमें कोई नहीं।
                           उत्तर-(c)

प्रश्न 10. "ओलम्प दे गूज" कौन थी ?
(a) क्रांतिकारी महिला,

(b) सामाजिक महिला,

(c) चित्रकार महिला,

(d) इनमें कोई नहीं।
                            उत्तर-(a)

प्रश्न 11. मार्सिले क्या है ?
(a) फ्राँस का राष्ट्रीय गीत,

(b) रूस का राष्ट्रगान,

(c) ब्रिटेन का राष्ट्रीय झंडा,

(d) इनमें कोई नहीं।
                           उत्तर-(a)

प्रश्न 12. टाउन हॉल के सामने कितने लोग इकट्ठे हुए थे, जिन्होंने जलसेना के गठन करने का निर्णय लिया था ?
(a) 6000, 

(b) 5000,

(c) 7000,

(d) 1 लाख।
                   उत्तर-(c)

प्रश्न 13. मेनर क्या था ?
(a) भवन,

(b) गाँव,

(c) एस्टेट,

(d) इनमें कोई नहीं।
                           उत्तर-(c)

प्रश्न 14. फ्राँसीसी कॉलोनियों में दासता कब समाप्त हो गई ?
(a) 1848,

(b) 1857,

(c) 1957,

(d) इनमें कोई नहीं।
                           उत्तर-(a)

प्रश्न 15. फ्रांस की राजधानी कौन है ?
(a) पेरिस,

(b) लंदन,

(c) दिल्ली,

(d) बीजिंग।
                 उत्तर- (a)

प्रश्न 16. 1789 ई० में फ्रांस में क्रांति किसके शासनकाल में हुई ?
(a) लुई पन्द्रहवाँ,

(b) लुई अठारहवाँ,

(c) लुई सोलहवाँ,

(d) लुई चौदहवाँ ।
                             उत्तर- (c)  

प्रश्न 17. फ्रांस में द्वितीय एस्टेट के अमीर वर्ग को क्या कहा जाता था ?
(a) पादरी वर्ग,

(b) कुलीन वर्ग,

(c) मध्य वर्ग,

(d) राजशाही ।
                    उत्तर-(b)

प्रश्न 18. लूई सोलहवें के कर बढ़ाने के क्या कारण थे ?
(a) फ्रांस की जनसंख्या में वृद्धि, 

(b) सरकार पर कर्ज का बोझ,

(c) बार-बार युद्ध की मार,

(d) इनमें सभी ।
                     उत्तर-(c)

प्रश्न 19. में ही राजा हूँ और मेरे शब्द ही कानून है।" यह कथन किस शासक का था?
(a) लुई XIV,

(b) लुई XV,

(c) लुई XVI,

(d) इनमें कोई नहीं।
                           उत्तर-(a)

प्रश्न 20. 'टैले' (Taille) क्या था ?
(a) कृषि कर,

(b) एक प्रकार का भूमिकर,

(c) शिक्षा कर,

(d) सैनिक कर ।
                       उत्तर-(b)

प्रश्न 21. नेपोलियन बोनापार्ट के पिता का नाम क्या था ?
(a) ऑयलू बोनापार्ट,

(b) कार्लो बोनापार्ट,

(c) रेस्क्यू बोनापार्ट,

(d) रूसो बोनापार्ट ।
                             उत्तर-(b)

प्रश्न 22. 'नेपोलियन का कोड' के नाम से किसे जाना जाता है ?
(a) कानून संग्रह,

(b) सैनिक नेतृत्व,

(c) मुद्रा प्रणाली,

(d) कुशल श्रमिक का संग्रह।
                                       उत्तर-(a)

प्रश्न 23. क्रांति के समय तक फ्रांस में कितनी आबादी किसान थी ?
(a) 90%,

(b) 70%,

(c) 80%,

(d) 60%.
                उत्तर-(a)

प्रश्न 24. 'टू ट्रीटाइजेज ऑफ गवर्नमेंट' के लेखक कौन हैं ?
(a) जॉन लॉक,

(b) ज्याँ जाक रूसो,

(c) वाल्टेयर,

(d) मान्टेस्क्यू ।
                      उत्तर-(a)

प्रश्न 25. बास्तील पर कब हमला किया गया ?
(a) 1760 ई०,

(b) 1789 ई०,

(c) 1780 ई०,

(d) 1792 ई०।
                     उत्तर-(b)

प्रश्न 26. 'राजेट दि लाइल' ने किस चर्चित गीत की रचना की ?
(a) मार्सिले,

(b) मासुल,

(c) अम्पायर,

(d) इनमें कोई नहीं।
                           उत्तर-(a)

प्रश्न 27. फ्रांस की सबसे प्रसिद्ध महिला क्रांतिकारी कौन थी जिसे फांसी पर लटका दिया गया था ?
(a) अन्तोएनेए,

(b) दे विंचि,

(c) रोब्सेपीयर,

(d) ओलम्प दे गुंज
                         उत्तर-(d)

प्रश्न 28. फ्रांसीसी समाज में सत्ता और सामाजिक हैसियत को अभिव्यक्त करने वाली श्रेणी को क्या कहा जाता है ?
(a) एस्टेट,

(b) साम्राज्य,

(c) सामन्त,

(d) इनमें कोई नहीं।
                           उत्तर-(a) 

प्रश्न 29. फ्रांस में किसानों का विद्रोह कब हुआ था ?
(a) 1780 ई०,

(b) 1785 ई०,

(c)1795 ई०,

(d) 1789 ई०।
                    उत्तर- (d)

प्रश्न 30. सन् 1715 में फ्राँस की जनसंख्या थी-
(a) 2.3 करोड़, 

(b) 2.8 करोड़,

(c) 3 करोड़,

(d) इनमें कोई नहीं।
                          उत्तर-(a)

प्रश्न 31. किस वर्ष नेपोलियन फ्राँस का सम्राट बना ?
(a) 1810 ई०,

(b) 1774 ई०,

(c) 1804 ई०,

(d) इनमें कोई नहीं।
                          उत्तर-(c)

प्रश्न 32. वाटरलू में नेपोलियन की हार किस वर्ष हुई ?
(a) 1810 ई०,

(b) 1815 ई०,

(c) 1804 ई०,

(d) इनमें कोई नहीं।
                          उत्तर-(b)
  
प्रश्न 33. किस वर्ष फ्राँस का संविधान बनाया गया ?
(a) 1774 ई०,

(b) 1785 ई०,

(c) 1791 ई०,

(d) इनमें कोई नहीं।
                           उत्तर-(c)

प्रश्न 34. किस वर्ष लुई XVI को फांसी हुई ?
(a) 21 जनवरी, 1793 ई०,

(b) 15 जनवरी, 1774 ई०,

(c) 20 फरवरी, 1804 ई०,

(d) इनमें कोई नहीं।
                            उत्तर-(a)

प्रश्न 35. 1815 ई० में किस युद्ध में फ्रांस की हार हुई ?
(a) वॉटरलू,

(b) न्यू ओरेलिंस,

(c) वेरडून,

(d) हॉर्स शू बेंड।
                      उत्तर-(a)

प्रश्न 36. क्रांति से पहले फ्रांसीसी समाज कितने वर्गों में विभक्त था ?
                                       अथवा, 
अठारहवीं सदी में फ्रांसिसी समाज कितने एस्टेट (श्रेणी) में बँटा हुआ था ?
(a) दो,

(b) तीन,

(c) चार,

(d) पाँच।
                उत्तर-(b)  

प्रश्न 37. जर्मन मुद्रा को क्या कहा जाता है ?
(a) लिब्रे,

(b) फ्रैंक,

(c) मार्क,

(d) इनमें कोई नहीं।
                          उत्तर-(c)

प्रश्न 38. नए संविधान ने फ्रांस को बनाया-
(a) संवैधानिक राजतंत्र,

(b) लोकतांत्रिक राज्य,

(c) कम्युनिष्ट राज्य,

(d) इनमें कोई नहीं।
                           उत्तर-(a)

प्रश्न 39. केवल किस श्रेणी के लोग कर अदा करते थे ?
(a) दूसरा एस्टेट,

(b) तीसरे एस्टेट (जनसाधारण),

(c) एस्टेट,

(d) इनमें कोई नहीं।
                          उत्तर-(b)

                         अतिलघु उतरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1. रुसो कौन था ? उसने क्या प्रस्ताव रखा ?
उत्तर- रुसो एक फ्राँसीसी दार्शनिक था। रुसो, लॉक के विचारों को आगे बढ़ाते हुए जनता और उसके प्रतिनिधियों के बीच एक सामाजिक अनुबंध पर आधारित सरकार का प्रस्ताव रखा।

प्रश्न 2. आबे सिए के बारे में आप क्या जानते हैं ?
उत्तर- आबे सिए मूलतः पादरी था और उसने तीसरा एस्टेट क्या है ?' नामक एक अत्यंत प्रभावशाली प्रचार-पुस्तिका लिखी।

प्रश्न 3. जैकोबिन क्लब का नेता कौन था ?
उत्तर- मैक्समिलियन रोबेस्प्येर ।

प्रश्न 4. फ्राँस में महिलाओं ने अंततः कब मतदान अधिकार प्राप्त किया ?
उत्तर- फ्राँस में महिलाओं ने 1946 में मतदान का अधिकार प्राप्त किया।

प्रश्न 5. मेनर क्या था ?
उत्तर- मेनर एक एस्टेट था जिसमें सम्राट का घर एवं जमीन होती थी।

प्रश्न 6. फ्राँस की क्रांति ने कौन-कौन से तीन विचारों को प्रोत्साहित किया ?
उत्तर- स्वतंत्रता, समानता एवं भाईचारा ।

प्रश्न 7. टाइद का क्या अर्थ है ?
उत्तर- चर्च द्वारा वसूल किया जाने वाला कर टाइद कहलाता है। यह कर कृषि उपज के दसवें हिस्से के बराबर होता था।

प्रश्न 8. जीविका संकट किसे कहते है ?
उत्तर- ऐसी चरम स्थिति जब जीवित रहने के न्यूनतम साधन भी खतरे में पड़ने लगते हैं तब उसे जीविका संकट कहते हैं।

प्रश्न 9. लिव्रे क्या है, इसे कब समाप्त किया गया ?
उत्तर- फ्राँस की मुद्रा, जिसे 1794 में समाप्त कर दिया गया।

प्रश्न 10. लुई सोलहवें जब 1774 में फ्राँस की राजगद्दी पर बैठा उस समय उसकी आयु क्या थी ? वह किस परिवार से संबंधित था ?
उत्तर-लुई सोलहवें जब 1774 में फ्राँस की गद्दी पर बैठा उस समय उसकी आयु 20 वर्ष थी। वह शासकों के बूर्वो वंश से संबंधित था।

प्रश्न 11. टाऊन हॉल के सामने कितने लोग इकट्ठे हुए थे, जिन्होंने जन सेना के गठन करने का निर्णय लिया था ?
उत्तर- लगभग 7,000 आदमी एवं औरतें टाऊन हॉल के सामने इकट्ठे हुए थे जिन्होंने जन सेना के गठन करने का निर्णय लिया।

प्रश्न 12. प्रभावकारी पम्पलेट किसने लिखा, जिसे 'तृतीय एस्टेट' कहा गया ?
उत्तर- अब्बे सीइयइस ने तीसरा वर्ग (थर्ड एस्टेट) क्या है, नामक पत्रिका लिखी थी।

प्रश्न 13. आधुनिक विश्व के निर्माण करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले तीन घटनाओं के नाम लिखें।
उत्तर- (क) फ्राँस की क्रांति,

(ख) रूस की क्रांति,

(ग) नाजीवाद का उदय एवं अंत।

प्रश्न 14. उस फ्राँसीसी कारागाह का नाम बताएँ, जिस पर लोगों ने धावा बोला था । इसका क्या कारण था ?
उत्तर-फ्राँस के सैकड़ों लोगों ने जेलखाने या किले पर हमला किया। वह राजधानी पेरिस में ही था। उसका नाम बेस्टील था। लोगों को आशा थी कि उन्हें वहाँ पर एकत्र किया हुआ गोला-बारूद, हथियार आदि मिलेगा। 

प्रश्न 15. फ्राँस में डिरेक्ट्री का एक महत्त्वपूर्ण उद्देश्य क्या था ?
उत्तर- जैकोबिन (सरकार) के दिनों में जिस तरह एक ही व्यक्ति या कार्यकारिणी सदस्य के हाथों में सत्ता का केन्द्रीयकरण हो गया था, उसे रोकना ही फ्राँस में डिरेक्ट्री का सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण उद्देश्य था ।

प्रश्न 16. 'द गुइल्लोटाइन' शब्द का क्या आशय है ?
उत्तर-गुइल्लोटाइन एक ऐसा उपकरण होता है जिसमें दो पोल (खम्भे) तथा एक ब्लेड होता है जिसका प्रयोग किसी भी आदमी के सिर को धड़ से अलग करने के लिए किया जाता है। इस यंत्र का नाम इसके आविष्कारक डॉ० गुइल्लोटाइन के नाम पर ही रखा गया था।

प्रश्न 17. कन्वेन्शन शब्द का क्या आशय है ?
उत्तर- नीदरलैंड्स में फ्राँस की सेनाओं की हार हुई इसका उत्तरदायी क्रांतिकारियों ने लुई को ठहराया और उसे पद से हटा दिया गया तथा कन्वेन्शन की बैठक 20 सितम्बर 1792 ई० से शुरू हुई ताकि नया संविधान बनाया जाय जिसमें राजतंत्र न हो।

प्रश्न 18. अठारहवीं सदी में किस नये वर्ग का उदय हुआ ?
उत्तर-मध्य वर्ग।

प्रश्न 19. 1791 के संविधान में किन्हें राजनीतिक अधिकार दिये गये थे ?
उत्तर- अमीर वर्ग को।

प्रश्न 20. 14 जुलाई 1789 को फ्रांस की राजधानी पेरिस में किस किले को तोड़ दिया गया ?
उत्तर- बास्तील।

प्रश्न 21. एक राजनीतिक संस्था, जिसमें तीनों एस्टेट्स अपने प्रतिनिधि भेजते थे, क्या था ?
उत्तर-एस्टेट्स जेनरल ।

प्रश्न 22. 'सामाजिक अनुबंध (द सोशल कॉन्ट्रैक्ट) का विचार किस फ्रांसीसी विद्वान ने दिया ?
उत्तर- रूसो ।

प्रश्न 23. जैकोबियन सरकार का अंत कब हुआ ?
उत्तर-1744

प्रश्न 24 दशमलव पद्धति पर आधारित नाप-तौल की एक समान प्रणाली का प्रचलन फ्रांस में किसने किया ?
उत्तर- नेपोलियन ।

प्रश्न 25. दो खम्भों के बीच लटकते आरे की मशीन द्वारा अपराधी के सिर काटने वाली मशीन का क्या नाम था ?
उत्तर- गिलोटीन ।

प्रश्न 26. लुई XVI का संबंध किस राजवंश से था ?
उत्तर- बूर्बो राजवंश।

प्रश्न 27. फ्रांस का राष्ट्रगान 'मार्सिले' किसने लिखा ?
उत्तर-कवि रॉजेट दि लाइल।

प्रश्न 28. फ्राँस में महिलाओं ने अंततः कब मतदान अधिकार प्राप्त किया ?
उत्तर- 1946 में।

प्रश्न 29. किस क्रांति ने दुनिया को स्वतंत्रता और समानता के विचार दिए ?
उत्तर- फ्रांसीसी क्रांति ।

प्रश्न 30. किस वर्ग को कर नहीं देना पड़ता था ?
उत्तर- कुलीन एवं पादरी वर्ग।

                           लघु उतरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1. डिरेक्ट्री से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर– रोबेस्प्येरे तथा उसके साथियों को मृत्युदंड देने के बाद देश में नया संविधान लागू किया गया तथा देश का शासन पाँच डायरेक्टरों की एक समिति के हाथ में सौंप दिया गया। 1795 से 1799 ई० तक डायरेक्टरों ने फ्राँस पर शासन किया परन्तु नेपोलियन के प्रभुत्व में आ जाने पर पहले उसने डायरेक्टरी के एक काउँसल के रूप में कार्य किया परन्तु फिर 1804 ई० में डिरेक्ट्री को भंग करके उसने अपने आप को सम्राट घोषित कर दिया।

प्रश्न 2. तीसरे वर्ग (एस्टेट) की व्याख्या करें।
उत्तर- 1789 ई० में, जब फ्राँस की क्रांति आरम्भ हुई, फ्राँसीसी समाज विशेषाधिकार प्राप्त वर्ग और साधारण वर्ग में बँटा हुआ था। साधारण वर्ग जिसे कोई भी विशेषाधिकार प्राप्त नहीं थे, तीसरा वर्ग कहलाता था। इस वर्ग में किसान, मजदूर, दस्तकार तथा मध्य वर्ग के लोग जैसे- अध्यापक, डॉक्टर, वकील, लेखक असैनिक अधिकारी आदि लोग सम्मिलित थे। इन सभी लोगों को कोई भी राजनीतिक अधिकार प्राप्त न थे। इन्हीं लोगों ने फ्राँस की क्रांति में
विशेषाधिकार वर्ग का विरोध किया था।

प्रश्न 3. लुई सोलहवें का परिचय दें और बताएँ कि उसकी फ्राँस की क्रांति में क्या भूमिका थी ?
उत्तर- लुई सोलहवाँ फ्राँस का एक निरंकुश शासक था। वह जिद्दी और बुद्धिहीन व्यक्ति था। उसका चरित्र दुर्बल और स्वभाव अस्थिर था। वह सदा भोग-विलास में डूबा रहता था। सरकारी अधिकारियों पर उसका कोई नियंत्रण नहीं था। वह सरकारी खजाने को व्यर्थ के कार्यों में लुटाता था। उसके गलत स्वभाव के कारण ही फ्राँस की सरकार को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ा। अंत में उसके दोषी स्वभाव के कारण तथा चरित्र अच्छा न होने के कारण सन् 1792 में उसे फाँसी दे दी गई।

प्रश्न 4. रूसो का परिचय दें। उसकी फ्राँस की क्रांति में क्या भूमिका थी ?
उत्तर- रूसो एक महान विचारक था। जिसका प्रभाव फ्राँस की जनता पर अन्य लेखकों तथा विचारकों की तुलना में सबसे अधिक पड़ा। उसकी पुस्तक 'सामाजिक समझौता' द्वारा लोगों को क्रांति के लिए प्रेरित करने वाले विचार मिले। उसने लोगों के सामने एक ऐसे समाज की स्थापना का विचार रखा जिसमें उन्हें स्वतंत्रता, समानता और न्याय की प्राप्ति की आशा थी। उसके इन नवीन विचारों ने क्रांतिकारी विस्फोट को जन्म दिया।

प्रश्न 5. वाल्टेयर का परिचय दें और बताएँ कि उसकी फ्राँस की क्रांति में क्या भूमिका थी ?
उत्तर- वाल्टेयर भी एक अन्य क्रांतिकारी लेखक था। उसने चर्च और राज्य की बुराइयों को जनता के सामने कटु सत्य के रूप में रख दिया। उसका विश्वास था कि प्राचीन प्रथाओं, अन्ध-विश्वासों तथा कट्टरताओं को उखाड़ फेंके बिना नवयुग का आरम्भ नहीं हो सकता अतः क्रांति आवश्यक है। इस प्रकार उसने क्रांति की पृष्ठभूमि तैयार की।

प्रश्न 6. नेपोलियन बोनापार्ट का परिचय दें। उसकी फ्राँस की क्रांति में क्या भूमिका थी ?
उत्तर- नेपोलियन फ्राँस का एक महान सेनापति था। उसने क्रांति के दिनों में फ्राँस का मान काफी समय तक ऊँचा किए रखा और उसके नाम को चार चाँद लगा दिए। एक समय ऐसा था कि यूरोप के सब देश उसके नाम से काँपते थे। मनुष्य होने के नाते उसकी शक्तियाँ सीमित थी इसलिए अंत में उसे यूरोप की संगठित शक्ति के सामने झुकना पड़ा। 1815 ई० में वाटरलू की लड़ाई में उसकी हार हुई और उसे बंदी बनाकर सेन्ट हेलना के टापू में भेज दिया गया जहाँ 1821 ई० में उसकी मृत्यु हो गई।

प्रश्न 7. 4 अगस्त, 1789 की रात्रि में फ्राँस की राष्ट्रीय सभा ने जो घोषणा की थी उसके प्रमुख बिंदु को लिखें।
उत्तर- (क) 4 अगस्त, 1789 की रात्रि को फ्राँस की राष्ट्रीय सभा ने सामन्तवादी व्यवस्था की एक घोषणा कर पूर्णतया समाप्त कर दिया।

(ख) पादरी वर्ग के सदस्यों को अपने विशेषाधिकार त्यागने के लिए विवश किया।

(ग) दसवाँ (टिथेस) भाग कर का उन्मूलन हो गया तथा चर्च के पास जिन "भूमियों का स्वामित्व था उनको छीन लिया गया।

(घ) इस घोषणा के परिणामस्वरूप फ्राँस की सरकार ने लगभग दो अरब लीवर्स (फ्राँस का एक सिक्का) के बराबर की सम्पदा प्राप्त की।

प्रश्न 8. फ्राँस एक संवैधानिक राजतंत्र बन गया। कैसे ?
उत्तर-(क) फ्राँस की राष्ट्रीय सभा ने 1791 में संविधान के ड्राफ्ट को पूरा किया गया। इस (संविधान) का मुख्य उद्देश्य निरंकुश राजा की शक्तियों को सीमित करना था।

(ख) राजनीतिक शक्तियों को किसी एक व्यक्ति के हाथ में केन्द्रित करने की बजाय सरकार के विभिन्न अंग जैसे कि व्यवस्थापिका, कार्यकारिणी एवं न्यायपालिका नामक विभिन्न संस्थाओं में बाँट दिया गया। इस कदम ने फ्राँस के राज्य प्रमुख की स्थिति बिल्कुल ब्रिटेन के राजा या रानी जैसी ही हो गई।

प्रश्न 9. फ्राँस की क्रांति से पूर्व पादरी वर्ग और कुलीन वर्ग के जीवन पर प्रकाश डालें।
उत्तर-पादरी वर्ग- रोमन कैथोलिक चर्च के पादरी लोग बहुत धनी थे और बड़ी-बड़ी जागीरों के मालिक थे। उन्हें बहुत से विशेषाधिकार प्राप्त थे। उनका जीवन बहुत विलासी था। वे धर्म की आड़ में अनेक पाप, दुराचार, और व्यभिचार करते थे। चर्च के काम के लिए उन्होंने छोटे पादरी अथवा सेवक लगा रखे थे जिन्हें बहुत कम वेतन देकर तथा अनुचित दबाब डालकर वे उनसे काम निकलवा लेते थे। यह श्रेणी राजा के पक्ष में थी। अभिजात या कुलीन वर्ग- इस श्रेणी में बड़े-बड़े भूमिपति तथा सरकारी अधिकारी आदि शामिल थे। इन लोगों के पास अपनी जागीरें होती थीं। उन्हें अपने इलाके में शराबखाने, आटे की चक्की तथा तन्दूर खोलने का विशेषाधिकार प्राप्त होता था। उन्हें शिकार करने का भी विशेष अधिकार प्राप्त था। यदि उनके पशु किसानों की फसल या खेती को बरबाद कर देते थे तो भी किसान उनके विरुद्ध कुछ भी नहीं कर सकते थे। यह श्रेणी भी राजा के पक्ष में थी।

प्रश्न 10. वाटरलू की लड़ाई कब और क्यों हुई थी ?
उत्तर-जून 1815 ई० में वाटरलू में लड़ा गया युद्ध 'वाटरलू' के नाम से प्रसिद्ध है इस युद्ध में एक ओर इंग्लैंड और उसके मित्र देश थे तथा दूसरी ओर फ्राँस के राजा नेपोलियन बोनापार्ट के नेतृत्व में फ्राँस की सेनाएँ थीं। वाटरलू के युद्ध में नेपोलियन बोनापार्ट हार गया और उसे बंदी बनाकर सेंट हेलेना के द्वीप में भेज दिया गया जहाँ पर सन् 1821 में उसकी मृत्यु हो गई। यह फ्राँस के एक परमवीर योद्धा का दुखद अंत था।

प्रश्न 11. फ्राँस की क्रांति से पूर्व फ्राँस के किसानों की दशा का वर्णन करें।
उत्तर-फ्राँस की कुल जनसंख्या का लगभग 80% जनसाधारण किसान थे। उनका जीवन-स्तर बड़ा निम्न था। कुछ किसानों के पास अपनी भूमि थी परन्तु अधिकांश किसान भूमिहीन थे, जिन्हें कृषि-दास कहा जाता था। वे उच्च वर्ग की भूमि पर खेती करते थे। लगान एवं अन्य कर देने के पश्चात् उसके पास अपनी उपज का केवल 17% ही शेष रह जाता था। इस आय से उन्हें पेटभर भोजन भी नहीं मिल पाता था। भूमिहीन किसानों से बेगार ली जाती थी। उनकी दशा पशुओं से भी बुरी थी ।

प्रश्न 12. फ्राँस की क्रांति से पूर्व फ्राँस की आर्थिक दशा का वर्णन करें।
उत्तर- अनेक युद्धों में भाग लेने के कारण फ्रॉस की आर्थिक दशा बहुत बिगड़ गई थी। वहाँ के सम्राटों- लुई 14 वें, लुई 15 वें एवं लुई 16 वें के विलासी जीवन ने देश नहीं थी। करों का भार जनता पर था और धनी लोग करों से मुक्त थे। जनता की आर्थिक स्थिति को और अधिक बिगाड़ दिया था। कर प्रणाली भी अच्छी से लिए गए करों की पूरी राशि भी सरकारी खजाने मे जमा नहीं होती थी।

प्रश्न 13. नेपोलियन का पतन क्यों हुआ ?
उत्तर- नेपोलियन के पतन का कारण-

(क) 1798 ई० से लेकर 1815 ई० तक नेपोलियन लगभग 60 युद्ध लड़े थे जिसमें लगभग 4,000,000 लोग मारे गए थे। इस पर लोग युद्ध से ऊब चुके थे और हर हालत में नेपोलियन को समाप्त कर देना चाहते थे।

(ख) नेपोलियन अंतर्राष्ट्रीय युद्धों में उलझ गया और उसके पतन का सबसे मुख्य कारण बन गया रूस पर आक्रमण। 1812 ई० में रूस पर आक्रमण करके उसने अपने पतन का दरवाजा खोल दिया। रूस के साथ युद्ध में
उसकी सेनाओं की करारी हार हुई।

(ग) नेपोलियन का पतन वास्तव में 1815 ई० में हुए वाटरलू के युद्ध में हुआ। यह युद्ध नेपोलियन तथा अंग्रेजी सेनापति आर्क वैलजली के अधीन लड़ा गया। इस युद्ध में हारने के पश्चात् उसे सेंट हेलेना नामक टापू में भेज
दिया गया जहाँ 1821 ई० में उसकी मृत्यु हो गई।

                            दिर्घ उतरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1. फ्राँस में क्रांति की शुरुआत किन परिस्थितियों में हुई ? वर्णन करें।
उत्तर-फ्राँस की क्रांति के मुख्य कारण निम्नांकित थे-

(क) राजनीतिक कारण- फ्राँस में एकतंत्रीय, स्वेच्छाचारी और निरंकुश शासन था। राजा शासन का सर्वोच्च अधिकारी होता था। फलतः शासन में भ्रष्टाचार का बोलबाला हो गया था। राज्य की संपूर्ण आय पर राजा का
निजी अधिकार था। फ्रॉस की सरकार निरंकुश होने के अलावा अव्यवस्थित भी थी। वहाँ न्याय प्राप्त करना पत्थर पर दूब जमने की आशा करना था। देश में कानून की एकरूपता का अभाव था। वहाँ के लोगों को किसी प्रकार
की स्वतंत्रता नहीं थी। राजा की निरंकुशता के विरुद्ध कोई आवाज नहीं उठा सकता था। भाषण, लेखन, प्रकाशन आदि पर जबरदस्त प्रतिबन्ध था। इससे जनता में असन्तोष भीतर-ही-भीतर बढ़ता जा रहा था।

(ख) सामाजिक कारण– फ्राँस का समाज तीन वर्गों में बँटा था- पादरी वर्ग, सामंत वर्ग और साधारण वर्ग। पादरियों एवं सामंतों को विशेष अधिकार प्राप्त थे। चर्च एवं सामंतों के पास बड़ी-बड़ी थीं। पर, उन्हें कोई कर देना नहीं पड़ता था। किसान और मजदूर तीसरे वर्ग में आते थे। वे करों के बोझ से दबे हुए थे। उन्हें कोई अधिकार प्राप्त नहीं था। उस समय फ्राँस का शासक लुई सोलहवाँ बड़ा ही आयोग्य शासक था।

(ग) आर्थिक कारण- फ्राँस की आर्थिक व्यवस्था भी बड़ी ही दयनीय थी। आय और व्यय का कोई बजट तैयार नहीं होता था और इसका न कोई ब्योरा ही रखा जाता था। फ्राँस का व्यापारी वर्ग भी राजसत्ता से ऊब चुका था। एक जगह से दूसरी जगह माल ले जाने के लिए बहुत तरह की चुँगी देनी पड़ती थी। फ्राँस की सेना भी तत्कालीन शासन से अंसतुष्ट थी।

(घ) बौद्धिक कारण- फ्राँस की क्रांति में वहाँ दार्शनिकों का विशेष हाथ रहा है। (यदि फ्राँस में दार्शनिक नहीं होते तो वहाँ क्रांति भी नहीं होती। दार्शनिकों ने फ्राँस की दुर्बल एवं पीड़ित जनता की क्रांति का झंडा उठाने की प्रेरणा दी। इन दार्शनिकों में मॉण्टेस्क्यू, वाल्टेयर, रूसो आदि प्रमुख थे। इन्हीं की प्रेरणा से फ्राँस की जनता ने अत्याचारी शासन का अंत करने का निश्चय किया।

(ङ) तात्कालिक कारण- पेरिस में बास्तिल नामक एक बड़ा दुर्ग था जो जेल के रूप में प्रयुक्त होता था। इसमें राजनीतिक कैदी रखे जाते थे। 14 जुलाई 1789 ई० को पेरिस की जनता ने बास्तिल के जेलखाने को तोड़ दिया और सभी बंदियों को रिहा कर दिया। इसी के साथ फ्राँस की क्रांति का आरंभ हो गया।

प्रश्न 2. फ्राँसीसी समाज के किन तबकों को क्रांति का फायदा मिला ? कौन-से समूह सत्ता छोड़ने के लिए मजबूर हो गए ? क्रांति के नतीजों से समाज के किन समूहों को निराशा हुई होगी ?
उत्तर-फ्राँसीसी समाज के किन तबकों को क्रांति का फायदा मिला- सर्वसाधारण श्रेणी के फ्राँस के सभी लोगों को क्रांति से लाभ रहा क्योंकि जब उन्हें सभी प्रकार के कर पुरोहित श्रेणी और कुलीन श्रेणी को देने पड़ते थे, उन्हें अधिकार नाम की कोई चीज प्राप्त नहीं थी। इस श्रेणी में गाँवों के किसान, शहरों के मजदूर और मध्य श्रेणी के लोग जैसे कर्मचारी, वकील, व्यापारी, चिकित्सक आदि लोग सम्मिलित थे। क्रांति के पश्चात् ऐसे लोगों को शोषण से मुक्ति मिली और स्वतंत्रता, समानता और बन्धुत्व के अधिकार प्राप्त हुए।

कौन से समूह सत्ता छोड़ने के लिए मजबूर हो गए- उच्च वर्ग के लोगों जो प्रथम और द्वितीय वर्गों में आते थे, को अपनी शक्तियों से हाथ धोना पड़ा क्योंकि केवल इन्हीं लोगों को विशेषाधिकार प्राप्त थे। ऐसे वर्गों में उच्च पादरी,
सामंत और कुलीन लोग सम्मिलित थे। अब फ्राँस में समानता और बन्धुत्व के आधार पर समाज का गठन किया गया।

क्रांति के नतीजों से समाज के किन समूहों को निराशा हुई होगी- निसन्देह जिन वर्गों के पास विशेषाधिकार थे उन्हीं को क्रांति के परिणामों से निराशा हो सकती थी। चर्च की संपत्ति को छीन लिया गया और उसे जनसाधारण में बाँट
दिया गया ऐसे में पुरोहित श्रेणी को काफी निराशा हुई। इसी प्रकार जब कुलीन श्रेणी के कर एकत्रित करने तथा खुलेआम शिकार करने के अधिकारों को समाप्त कर दिया गया तो उन्हें भी क्रांति के परिणामों से निराशा ही होने वाली थी ।

प्रश्न 3. उन्नीसवीं और बीसवीं सदी की दुनिया के लिए फ्राँसीसी क्रांति कौन-सी विरासत छोड़ गई ?
उत्तर- फ्राँस की क्रांति विश्व इतिहास की सबसे महत्त्वपूर्ण घटनाओं में से एक है। यूरोप के इतिहास पर इसका विशेष प्रभाव पड़ा। इसने संसार को स्वतंत्रता, समानता और बन्धुत्व के तीन मुख्य विचार दिये जिनके कारण यह क्रांति सदा के लिए अमर हो गई। विश्व, विशेषकर यूरोप के इतिहास में इसका महत्व निम्नांकित प्रभावों के कारण है-

(क) इसके कारण फ्राँस में सामंतवाद का अंत हुआ और देखते ही देखते मध्य वर्ग के लोगों ने चर्च की जमीनें खरीद ली। उधर सरकार ने भी अभिजात वर्ग (अमीर वर्ग) की भूमियाँ हड़प ली।

(ख) फ्राँस की क्रांति ने विशेषतः यूरोपीय देशों में तथा धीरे-धीरे सारे विश्व में लोकतंत्र के विचारों को पनपने में सहायता की। सरकार का उद्देश्य समस्त जनता को सुखी बनाना हो गया न कि कुछ विशेष लोगों के अधिकारों का
ध्यान रखना।

(ग) इस क्रांति ने संसार के लोगों में स्वतंत्रता की भावना कूट-कूट कर भर दी और तत्पश्चात् जनता को अपनी प्रभुसत्ता का ज्ञान हुआ।

(घ) फ्रॉस की क्रांति ने समानता के आधार पर अधिकार दिये जाने की विचारधारा का प्रचार किया। इसके परिणामस्वरूप कानून की दृष्टि में अमीर-गरीब राजा-रंक आदि सबके अधिकार समान हो गए। शीघ्र ही व्यस्क मताधिकार के आधार पर बिना संपत्ति वाले लोगों, मजदूरों और किसानों आदि को भी राजनीतिक अधिकार दिये जाने लगे।

(ङ) इस क्रांति ने बन्धुत्व के विचार को विश्व में फैलाया। इसी क्रांति ने बताया कि देश के नव-निर्माण के लिये प्रेम, एकता और सहयोग आदि यह सदगुणों की अति आवश्यकता होती है।

(च) फ्राँस की क्रांति द्वारा विश्व में राष्ट्रीयता के विकास को प्रोत्साहन मिला। फ्राँस से प्रेरित होकर पोलैंड, जर्मनी, नीदरलैंड, इटली आदि देशों में राष्ट्रवाद का विकास हुआ।

(छ) फ्राँस की क्रांति से ही शिक्षा प्राप्त करके सभी देशों के शासक वर्ग ने अपनी जनता का अधिक कल्याण करने के लिए प्रयत्न आरम्भ कर दिए और इस तरह शासन में सुधार किये जाने लगा।

प्रश्न 4. उन जनवादी अधिकारों की सूची बनाएँ जो आज हमें मिले हुए हैं और जिनका उद्गम फ्राँसीसी क्रांति से हुआ।
उत्तर- भारत में हम निम्नांकित छः मौलिक अधिकारों से लाभप्रद हो रहे हैं-
(क) समानता का अधिकार,
(ख) स्वतंत्रता का अधिकार,
(ग) शिक्षा एवं संस्कृति का अधिकार,
(घ) धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार,
(ङ) शोषण के विरुद्ध अधिकार,
(च) संवैधानिक उपचारों का अधिकार।
इन अधिकारों को निरीक्षण करें तो हमें आसानी से इस बात का ज्ञान हो जाता है कि इनमें से बहुत से अधिकारों का उत्पत्ति का स्रोत फ्राँस की क्रांति ही है-

(क) समानता का अधिकार- समानता का अधिकार फ्राँस की क्रांति की ही देन है। फ्राँस के क्रांतिकारियों ने समानता के अधिकार को प्राप्त करने पर बहुत जोर दिया क्योंकि वे अनेक प्रकार की समाज में व्याप्त असमानताओं से अप्रसन्न थे। क्रांति के सफल होने पर एक ऐसे समाज की नींव पड़ी जो समानता के नियमों पर आधारित थी पादरी और कुलीन वर्ग के सभी विशेषाधिकारों को समाप्त कर दिया गया।

(ख) स्वतंत्रता का अधिकार- इस अधिकार की जननी भी फ्राँस की क्रांति ही थी। इस क्रांति ने राजा के दैवी
अधिकारों को समाप्त कर दिया और जनसाधारण को सामन्तों और पादरी वर्ग द्वारा थोपे गए बहुत से बन्धनों
को धराशायी करके लोगों को मुक्ति दिलाई।

(ग) प्रजातंत्र की भावना को प्रोत्साहित करना- फ्राँस की क्रांति ने फ्रांस के राजा और रानी को फाँसी पर चढ़ाकर देश में प्रजातंत्र की स्थापना की।

(घ) बन्धुत्व की विचारधारा को प्रोत्साहन देना- ऊँच-नीच की सभी दीवारों को तोड़ कर फ्राँस की क्रांति ने भाईचारे की भावना को प्रोत्साहित किया अब समाज के सभी वर्गों- किसानों, मजदूरों, कारीगरों, गरीबों, महिलाओं आदि के लिए अनेक सुधार किये जाने लगे। ऐसी भावना के जागृत होने से सभी लोगों को विभिन्न अधिकारों से लाभ उठाने के सुअवसर प्राप्त हो सके।

प्रश्न 5. क्या आप इस तर्क से सहमत हैं कि सार्वभौमिक अधिकारों के संदेश में नाना
(अनेक) अंतर्विरोध थे ?
उत्तर- इस कथन के विषय में विचारकों के दो मत हैं कि क्या सार्वभौमिक अधिकारों के संदेश में अंतर्विरोध थे या नहीं। बहुत से लेखक इस विचार के हैं कि सार्वभौमिक अधिकारों के संदेश की आलोचना नहीं की जा सकती। सम्भवतः नागरिक और मानव अधिकारों की स्पष्ट घोषणा करने का यह विश्व में पहला प्रयत्न था। इसमें मानव के तीन मौलिक अधिकारों- स्वतंत्रता, समानता और बन्धुत्व पर जोर दिया गया। यह विश्व को फ्राँस की क्रांति की महान देन है। लगभग सभी अधिकारों के प्रति यदि किसी को कोई भ्रान्ति है तो वह अस्पष्ट है और तथ्यों से बहुत दूर है।
वास्तव में फ्राँस के क्रांतिकारियों की किसी और बात या घटना के लिये तो आलोचना की जा सकती है कि उन्होंने रक्तपात में अपने हाथ रंगे परन्तु मानव अधिकारों को इतिहास के रंगपटल पर रखकर उन्होंने प्रजातंत्रीय धारणा को लाने में बड़ा योग दिया और ऐसे में उनकी प्रशंसा की जानी चाहिए।

मरा और केमली डेसमॉलिंस ने अवश्य हमें इन अधिकारों के प्रयोग में सतर्क रहने की चेतावनी दी है। हर अधिकार सीमा रहित नहीं है। मेरा स्वतंत्रता का अधिकार मुझे इस बात की आज्ञा नहीं देता कि मेरे मन में जो आए करता जाऊ, जब जी करे तो दूसरे की चीज उठा लूँ या जब मन करे अगले के घर में घुस जाऊँ। हर अधिकार की सीमा निश्चित है, उस सीमा को पार करने से विरोधाभास हो सकते हैं। उसमें स्वतंत्रता के अधिकार की कोई गलती नहीं वह तो हमारी अपनी गलती है कि हम किसी भी अच्छाई को बुराई में बदल लें। यदि अधिकारों का प्रयोग करना हो तो हमें दूसरों के अधिकारों का भी ध्यान रखना है तब मानव अधिकारों के संदेश में कोई विरोधाभास या प्रतिकूलता नहीं मिलेगी।

प्रश्न 6. नेपोलियन के उदय को कैसे समझा जा सकता है ? वर्णन करें।
उत्तर- नेपोलियन का जन्म 1769 ई० में रोम सागर के द्वीप कोसिंका की राजधानी अजासियों में हुआ था। वह असाधारण प्रतिभा का स्वामी था। उसने ब्रियनी और उसने ब्रिटेन (1793 ई०). सार्डीनिया (1796 ई०) और आस्ट्रिया (1797 ई०) के पेरिस के फौजी स्कूल में शिक्षा प्राप्त की। सेना में भर्ती होकर वह अपनी वीरता असीम साहस और सैनिक योग्यता द्वारा उन्नति करता हुआ सेनापति बन गया। विरुद्ध विजय प्राप्त की। इसके शीघ्र ही पश्चात् वह डिरेक्ट्री का प्रथम बना और थोड़े समय पश्चात् (1804 ई०) वह फ्रॉस का सम्राट बन गया। नेपोलियन ने अपनी योग्यता तथा प्रशासकीय कुशलता के बल पर फ्रॉस में शांति और व्यवस्था स्थापित की।

नेपोलियन की गिनती विश्व के महान सेनापतियों में की जाती है। वह बहुत परिश्रमी, इरादे का पक्का, तलवार का धनी और बहुत वीर सैनिक था। जब पहली बार उसे इटली में फ्रॉस की सेना का कमांडर बनाकर भेजा गया तो
उसने अपनी मधुर वाणी से अपने सैनिकों में एक अद्भुत जोश भर दिया। बुरी दशाओं और संघर्षों का मुकाबला करने पर भी सैनिक उसके प्रति पूरी वफादारी रखते थे। इरादों का वह इतना पक्का था कि वह कहा करता था कि असंभव शब्द मुर्खों के कोष में होता है। 40 हजार सैनिकों के साथ आल्पस जैसे कठिन एवं दुर्गम पहाड़ को पार करके उसने यह बात सिद्ध कर दी थी कि संसार में कुछ भी असंभव नहीं है।

उसने कानूनों में अनेकों सुधार किये जो 'कोड नेपोलियन' के नाम से प्रसिद्ध हैं। नेपोलियन ने, जब वह सेंट हेलेना में कैद था, स्वयं कहा था कि 'मेरा सच्चा गौरव इसमें नहीं है कि मैंने चालीस युद्ध जीते क्योंकि वाटरलू की हार इन विजयों को कलंकित कर देगी परंतु जिसको कोई नहीं कलंकित कर सकता तथा जो सदा रहेगा वह मेरा सिविल कोड है'। आज भी फ्राँस, जर्मनी, हॉलैंड, बेल्जियम, इटली और दक्षिणी अमेरिका के देशों में ये कानून कुछ परिवर्तनों के साथ लागू हैं। उसने प्राथमिक, माध्यमिक व उच्च शिक्षा के साथ-साथ तकनीकी एवं व्यापारिक शिक्षा की व्यवस्था की। उसने अध्यापकों को राजकोष से वेतन देने की पद्धति शुरू की। उसने यातायात की सुविधा और व्यापार के विकास के लिए फ्राँस में सड़कों का जला बिछाया, नहरें बनवाई तथा पेरिस को एक अति सुंदर नगर बना दिया। उसने 1800 ई० में 'फ्राँस के बैंक' की स्थापना की। उसने सभी को योग्यता के आधार पर उन्नति करने के अवसर प्रदान किये। वह निष्पक्ष होकर राज्य कर्मचारियों की नियुक्ति करता था। वह समाज में रिश्वतखोरी भ्रष्टाचार और विशेष अधिकार नहीं पनपने देता था।

प्रश्न 7. ओलम्प दे गूज के घोषणापत्र में उल्लिखित मूलभूत अधिकार का वर्णन करें।
उत्तर-ओलम्प दे गूज के घोषणापत्र में उल्लिखित मूलभूत अधिकार-

(क) औरत जन्मना स्वतंत्र है और अधिकारों में पुरुष के समान है।

(ख) सभी राजनीतिक संगठनों का लक्ष्य पुरुष एवं महिला के नैसर्गिक अधिकारों को संरक्षित करना हैं ये अधिकार हैं- स्वतंत्रता, संपत्ति, सुरक्षा और सबसे बढ़कर शोषण के प्रतिरोध का अधिकार।

(ग) समग्र संप्रभुता का स्रोत राष्ट्र में निहित है जो पुरुषों एवं महिलाओं के संघ के सिवाय कुछ नहीं है।

(घ) कानून सामान्य इच्छा की अभिव्यक्ति होनी चाहिए। सभी महिला एवं पुरुष नागरिकों का या तो व्यक्तिगत रूप से या अपने प्रतिनिधियों के माध्यम से विधि-निर्माण में दखल होना चाहिए। यह सभी के लिए समान होना चाहिए। सभी महिला एवं पुरुष नागरिक अपनी योग्यता एवं प्रतिभा के बल पर समान रूप से एवं बिना किसी भेदभाव के हर तरह के सम्मान व सार्वजनिक पद के हकदार हैं।

(ङ) कोई भी महिला अपवाद नहीं है। वह विधिसम्मत प्रक्रिया द्वारा अपराधी ठहरायी जा सकती है, गिरफ्तार और नजरबंद की जा सकती हैं पुरुषों की तरह महिलाएँ भी इस कठोर कानून का पालन करें।

प्रश्न 8. 1791 के फ्राँस के संविधान की मुख्य विशेषताएँ लिखें।
उत्तर-फ्राँस के 1791 के संविधान की मुख्य विशेषताएँ-

(क) फ्राँस के संविधान ने कानून बनाने संबंधी सभी शक्तियाँ नेशनल एसेम्बली को दे दिया जिसके सदस्यों का अप्रत्यक्ष रूप से चयन होता था।

(ख) फ्राँस के नागरिकों ने निर्वाचक मण्डल या समूह के लिए मतदान किया जिसने (निर्वाचक समूह ने) सभा का चुनाव किया। लेकिन यही सत्य है कि सभी नागरिकों को मताधिकार नहीं दिया गया। केवल 25 वर्ष से ऊपर
वाले पुरुषों को ही मताधिकार मिला जो सरकार को एक मजदूर के तीन दिनों की मजदूरी के समान कर दिया करते थे। उन्हें सक्रिय नागरिक का स्तर मिला। इसका अर्थ था कि उन्हें मत देने का अधिकार मिल गया। फ्राँस के शेष सभी पुरुषों एवं नारियों को निष्क्रिय नागरिक श्रेणी में रखा गया।

(ग) एक निर्वाचक कर्ता एवं राष्ट्रीय सभा का निर्वाचित सदस्य, वह आदमी होता था जो सर्वाधिक कर भुगतानकर्ताओं की श्रेणी में आता था।

(घ) यह संविधान व्यक्ति एवं नागरिक के अधिकारों की घोषणा के साथ शुरू हुआ। अधिकार जैसे कि जीवन का अधिकार, भाषण की स्वतंत्रता, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, कानून के सामने समानता, स्वाभाविक एवं नागरिक को देय माने गये जो जन्म से ही हर व्यक्ति (मानव) से जुड़े हुए हैं और ये अधिकार छीने नहीं जा सकते।

(ङ) इस संविधान ने घोषित किया कि यह राज्य का कर्तव्य है कि वह प्रत्येक नागरिक के प्राकृतिक अधिकारों की रक्षा करें।

प्रश्न 9. 'फ्राँस की एक डिरेक्ट्री का शासन' पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखें।
उत्तर-फ्राँस की एक डिरेक्ट्री का शासन-

(क) डिरेक्ट्री का गठन जैकोबिन सरकार के पतन ने फ्रॉस के अधिक सम्पत्तिवान मध्यम वर्गों को राजनीतिक सत्ता हथियाने की अनुमति दी। एक नया संविधान लागू किया गया था जिसने फ्रांसीसी समाज के बिना संपत्ति वाले सामाजिक वर्गों के लोगों को मताधिकार नहीं प्रदान किया।

(ख) नये संविधान ने दो निर्वाचित की जाने वाली विधान परिषदों की व्यवस्था की। इन सभाओं ने चुनाव के बाद तब एक डिरेक्ट्री को नियुक्त किया। इस डिरेक्ट्री ने पाँच सदस्यों वाली एक कार्यकारिणी के हाथों में शक्तियों
केन्द्रित न हों। जैसे कि जैकोबिन के अधीन राजनीतिक शक्तियाँ केन्द्रित होती थीं।

(ग) जो भी हो, इस डिरेक्ट्री के सदस्यों ने प्रायः विधायी परिषदों के साथ झगड़ा किया, तब उसने इन्हें (अर्थात् निर्देशकों) पदों से अलग करने की माँग की।

(घ) डिरेक्ट्री की राजनीतिक अस्थिरता ने सैनिक तानाशाह नेपोलियन बोनापार्ट के उत्थान के लिए मार्ग प्रशस्त किया ।

(ङ) सरकार के रूप में उपरलिखित परिवर्तनों के साथ आने वाली शताब्दी में फ्राँस की क्रांति अपने आदर्शो-स्वतंत्रता, देश के कानून के सामने समानता और भाईचारे की भावना से ओत-प्रोत फ्राँस तथा शेष यूरोप के लिए
राजनीतिक आंदोलनों को शुरू करने वाली प्रेरणा बनी रही।

प्रश्न 10. 'फ्राँस में दासता का उन्मूलन' विषय पर एक संक्षिप्त नोट लिखें।
उत्तर- दासता का उन्मूलन-

(क) संपूर्ण फ्राँस में 18 वीं शताब्दी में दासता की बहुत ही थोड़ी आलोचना हुई। फ्राँस की राष्ट्रीय असेम्बली ने लम्बे वाद-विवाद किये कि क्या आदमी के अधिकारों का विस्तार फ्राँस के सभी उपनिवेशों के लोगों सहित विस्तृत कर दिया जाये अथवा नहीं। हमें याद रखना चाहिए कि उस समय इंग्लैंड के बाद फ्राँस का औपनिवेशिक साम्राज्य विश्व में सर्वाधिक विस्तृत था।

(ख) व्यापारी लोगों जिनकी आमदनी दास व्यापार पर ही निर्भर थी, से भारी विरोध होने के डर से राष्ट्रीय असेम्बली ने कोई भी कानून पास नहीं किया।

(ग) सन् 1794 में फ्राँस की सभा ने एक कानून पास करके सभी दासों को स्वतंत्र कर दिया। जो भी हो यह एक अल्पकालिक उपाय साबित हुआ। दस वर्षों के बाद नेपोलियन बोनापार्ट ने दासता को दुबारा मान्यता दे दी।

(घ) फ्राँस के बागान मालिकों ने लोगों को दास बनाना अपना अधिकार समझा तथा अपने आर्थिक स्वार्थों के लिए अफ्रीकी नीग्रो को गुलाम बनाए रखा।

(ङ) अंततः 1848 में फ्राँस के उपनिवेशों से दासता को समाप्त कर दिया गया।

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