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 JAC Board Jharkhand Class 9th Social Science Civics Solutions chapter - 5- लोकतांत्रिक अधिकार

JAC Board Jharkhand Class 9th Social Science Civics Solutions chapter - 5- लोकतांत्रिक अधिकार

                                   समकालीन भारत 

                                लोकतांत्रिक अधिकार

                             सही विकल्प का चयन करें-

प्रश्न 1. इनमें से कौन-सा मौलिक अधिकारों के उपयोग का उदाहरण नहीं है ?
(a) बिहार के मजदूरों का पंजाब के खेतों में काम करने जाना,

(b) ईसाई मिशनों द्वारा मिशनरी स्कूलों की श्रृंखला चलाना,

(c) सरकारी नौकरी में औरत और मर्द को समान वेतन मिलना,

(d) बच्चों द्वारा माँ-बाप की संपत्ति विरासत में पाना।
                                 उत्तर-(d)

 प्रश्न 2. इनमें से कौन-सी स्वतंत्रता भारतीय नागरिकों को नहीं है ?
(a) सरकार की आलोचना की स्वतंत्रता,

(b) सशस्त्र विद्रोह में भाग लेने की स्वतंत्रता,

(c) सरकार बदलने के लिए आंदोलन शुरू करने की स्वतंत्रता,

(d) संविधान के केंद्रीय मूल्यों का विरोध करने की स्वतंत्रता ।
                                   उत्तर-(b)

प्रश्न 3. भारतीय संविधान इनमें से कौन-सा अधिकार देता है ?
(a) काम का अधिकार,

(b) पर्याप्त जीविका का अधिकार,

(c) अपनी संस्कृति की रक्षा का अधिकार,

(d) निजता का अधिकार ।
                                     उत्तर-(c)

प्रश्न 4. मानवाधिकार आयोग किस वर्ष लागू किया ?
(a) 1990 में,

(b) 1989 में,

(c) 1999 में,

(d) 1993 में।
                   उत्तर-(d)

प्रश्न 5. कौन-सा देश वंशानुगत राजा द्वारा शासित होता है और नागरिकों को राजा चुनने या बदलने का अधिकार नहीं है ?
(a) कोसेवो,

(b) सऊदी अरब,

(c) यू० एस० ए०,

(d) इनमें कोई नहीं।
                            उत्तर-(b)

प्रश्न 6. विश्व मानवाधिकार दिवस कब मनाया जाता है ?
(a) 10 जनवरी,

(b) 10 अक्टूबर,

(c) 10 दिसम्बर,

(d) 10 फरवरी।
                       उत्तर-(c)

प्रश्न 7. कोसोवो किस देश का एक प्रांत था ?
(a) वियतनाम,

(b) श्रीलंका,

(c) युगोस्लाविया,

(d) इनमें कोई नहीं।
                           उत्तर-(c)

प्रश्न 8. संविधान द्वारा किस बुराई को गैर कानूनी घोषित नहीं किया गया है। .
(a) अवैध व्यापार,

(b) बेगार,

(c) बाल मजदूरी,

(d) अंतर जातीय विवाह ।
                                   उत्तर-(d)

प्रश्न 9. अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन का क्या नाम है ?
(a) एमनेस्टी इंटरनेशनल,

(b) अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय,

(c) न्यायसिता परिषद्,

(d) इनमें कोई नहीं।
                            उत्तर- (a)

प्रश्न 10. स्वच्छ भारत अभियान भारत सरकार द्वारा कब आरंभ किया गया ?
(a) 2 अक्टूबर, 2014,

(b) 5 सितम्बर, 2016,

(c) 15 अगस्त, 2018,

(d) 2 अक्टूबर, 2018.
                                उत्तर-(a)

प्रश्न 11. वह व्यक्ति जो बिना कोई वेतन लिए अपने स्वामी की सेवा करता है और अधिकार नाम की चीज का उसके जीवन में दूर-दूर तक कोई संबंध नहीं होता है।
(a) बेरोजगार,

(b) बेगार,

(c) दास,

(d) इनमें कोई नहीं।
                           उत्तर-(c)

प्रश्न 12. निम्न में कौन मौलिक अधिकार नहीं है ?
(a) समानता का अधिकार,

(b) स्वतंत्रता का अधिकार,

(c) व्यक्तिकार्य में प्रभाव का उपयोग,

(d) धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार ।
                                                उत्तर-(c)

प्रश्न 13. किस अधिकार को 44वें संशोधन में मौलिक अधिकारों की सूची से हटा दिया गया है ?
(a) स्वतंत्रता का अधिकार,

(b) शोषण के विरुद्ध अधिकार,

(c) सम्पत्ति का अधिकार,

(d) समानता का अधिकार।
                                       उत्तर-(c)

प्रश्न 14. राष्ट्रीय मानवाधिकार का कार्य नहीं है-
(a) सम्मन जारी करना,

(b) किसी सरकारी दस्तावेज की जाँच करना,

(c) आरोपी को सजा देना,

(d) घटना स्थल पर अपनी जाँच टीम भेजना।
                                                            उत्तर-(c)

प्रश्न 15. इनमें से एक राजनीतिक अधिकार है-
(a) भोजन का अधिकार,

(b) घुमने का अधिकार,

(c) झगड़ा का अधिकार,

(d) वोट देने और चुनाव लड़ने का अधिकार ।
                                                         उत्तर-(d)

प्रश्न 16. संवैधानिक उपचारों के उपचार द्वारा किन अधिकारों की रक्षा होती है ?
(a) राजनीतिक अधिकार,

(b) मताधिकार,

(c) मौलिक अधिकार,

(d) सम्पत्ति का अधिकार।
                                     उत्तर-(c)

प्रश्न 17. भारतीय संविधान द्वारा नागरिकों को कितने मौलिक अधिकार प्रदान किये गए हैं ?
(a) पाँच,

(b) सात,

(c) छः,

(d) चार।
                उत्तर-(c)

प्रश्न 18. गिरफ्तार किये गए या हिरासत में लिये गये किसी व्यक्ति को कितनी अवधि के अंदर निकट के मजिस्ट्रेट के समक्ष प्रस्तुत करना होता है।
अथवा किसी भी बंदी बनाए गए व्यक्ति को कितने समय के भीतर मजिस्ट्रेट के सामने प्रस्तुत करना आवश्यक है ?
(a) 2 दिन,

(b) 10 घंटे,

(c) 24 घंटे,

(d) 72 घंटे।
                 उत्तर-(c)

प्रश्न 19. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की नियुक्ति कौन करता है ?
(a) राष्ट्रपति,

(b) वरीय अवकाश प्राप्त न्यायाधीश,

(c) उपराष्ट्रपति,

(d) इनमें कोई नहीं।
                            उत्तर-(a)

प्रश्न 20. उपचार के अधिकार को हमारे संविधान की 'आत्मा और हृदय' किसने कहा था ?
(a) डॉ० भीम राव अम्बेदकर,

(b) डॉ० राजेन्द्र प्रसाद,

(c) पंडित जवाहरलाल नेहरू,

(d) इनमें कोई नहीं
                              उत्तर-(a)

               अतिलघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर 

प्रश्न 1. अधिकार किसे कहते हैं ?
उत्तर- अधिकार लोगों के वे उचित दावे हैं, जिन्हें समाज की स्वीकृति प्राप्त होती है और जिन्हें अदालतों द्वारा मान्यता प्राप्त होती है।

प्रश्न 2. सिविल अधिकार कौन-से होते हैं ?
उत्तर- जीवन का अधिकार, समानता, स्वतंत्रता वंश निर्माण का अधिकार एवं सम्पत्ति रखने का अधिकार आदि कुछ सिविल अधिकार हैं।

प्रश्न 3. उस मौलिक अधिकार का नाम बताएँ जिसके तहत निम्नांकित स्वतंत्रताएँ आती हैं-
(क) अपने धर्म का प्रचार करने की स्वतंत्रता,

(ख) जीवन का अधिकार,

(ग) छुआछूत की समाप्ति,

(घ) बेगार पर प्रतिबंध

उत्तर-(क) धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार,

(ख) स्वतंत्रता का अधिकार,

(ग) समानता का अधिकार,

(घ) शोषण के विरुद्ध अधिकार ।

प्रश्न 4. राजनीतिक अधिकार कौन-से होते हैं ?
उत्तर-वोट देने का अधिकार, चुनाव लड़ने का अधिकार तथा किसी राजनीतिक पद प्राप्त करने का अधिकार आदि कुछ प्रमुख राजनीतिक अधिकार हैं।

प्रश्न 5. आर्थिक अधिकार कौन-से होते हैं ?
उत्तर- काम करने का अधिकार, उचित वेतन पाने का अधिकार और अपनी आवश्यकताओं ,की पूर्ति का अधिकार आदि कुछ मुख्य आर्थिक अधिकार हैं।

प्रश्न 6. कौन-सी चीजें एक राजनीतिक व्यवस्था को लोकतांत्रिक बनाती हैं ?
उत्तर- विभिन्न सिविल, राजनीतिक एवं आर्थिक अधिकारों की प्राप्ति किसी भी राजनीतिक व्यवस्था को लोकतांत्रिक बनाती है।

प्रश्न 7. छुआछूत से आपका क्या अभिप्राय है ?
उत्तर- छुआछूत से हमारा अभिप्राय उस अन्धविश्वास से है जो केवल जन्म के आधार पर किसी को अछूत मानकर उसके स्पर्श मात्र से डरता है।

प्रश्न 8. दास किसे कहते हैं ?
उत्तर- एक दास उस व्यक्ति को कहते हैं जो बिना कोई वेतन लिये अपने स्वामी की सेवा करता है और अधिकार नाम की चीज का उसके जीवन से दूर-दूर तक कोई संबंध नहीं होता।

प्रश्न 9. बेगार किसे कहते हैं ?
उत्तर- किसी व्यक्ति से जबरदस्ती मुफ्त में काम लेते जाना बेगार कहलाता है। प्रायः खरीदे गए नौकरों को बेगार में अपने स्वामी का काम करना पड़ता है।

प्रश्न 10. एमनेस्टी इंटरनेशनल से क्या तात्पर्य है ?
उत्तर- मानवाधिकारों के लिए काम करने वाले कार्यकर्ताओं का एक अंतर्राष्ट्रीय संगठन एमनेस्टी इंटरनेशनल कहलाता है।

प्रश्न 11. समानता के अधिकार के कोई दो मुख्य तत्त्व स्पष्ट करें।
उत्तरभारत में जाति, लिंग आदि के भेदभाव किये बिना सबको अधिकार है।
(क) कोई भी व्यक्ति बिना जाति, लिंग आदि के भेदभाव से भारत में किसी स्थान में आ-जा सकता है।

(ख) वह अपनी योग्यता के आधार पर किसी भी पद पर बिना किसी जाति, लिंग या रंग-भेद के नियुक्त हो सकता है।

प्रश्न 12. संवैधानिक उपचारों के अधिकार से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर- यदि सरकार अथवा कोई संस्था नागरिकों के मौलिक अधिकारों में हस्तक्षेप करे अथवा उन्हें छीनने की कोशिश करे तो इस अधिकार के अनुसार भारत के नागरिकों को अपने मौलिक अधिकारों की सुरक्षा के लिए सर्वोच्च न्यायालयों में जाने का मौलिक अधिकार हैं।

प्रश्न 13. कानून के शासन के क्या अभिप्राय है ?
उत्तर- कानून का शासन से हमारा अभिप्राय ऐसे शासन से है जिसमें सरकार कानून को अपना आधार समझे और कानून के अनुसार ही अपने अधिकारों का ही प्रयोग करे। इस प्रकार का शासन सरकार को मनमानी करने से रोकता है। ऐसे शासन की स्थापना इंग्लैंड में 1688 ई० की क्रांति के पश्चात् हो गई थी।

प्रश्न 14. मौलिक अधिकारों को मौलिक अधिकार क्यों कहा जाता है ?
उत्तर- मौलिक अधिकारों को मौलिक अधिकार इसलिए कहते हैं क्योंकि-
(क) ये संविधान द्वारा दिए गए हैं।

(ख) इन्हें सरकार छीन नहीं सकती।

(ग) ये प्रत्येक नागरिक के विकास के लिए आवश्यक हैं।

प्रश्न 15. मौलिक अधिकारों से क्या तात्पर्य हैं ?
उत्तर- वे मूलभूत आवश्यकताएँ जो व्यक्तिव्य के पूर्ण विकास के लिए परमावश्यक होती हैं उन्हें मूल अधिकार या मौलिक अधिकार कहा जाता है। अधिकारों का प्रयोजन मनुष्यों में निहित शक्तियों की अभिव्यक्ति के लिए अवसर प्रदान करना है।

प्रश्न 16. स्वतंत्रता का अधिकार का क्या मतलब है ?
उत्तर- अभिव्यक्ति का अधिकार ।

प्रश्न 17. मौलिक अधिकारों का वर्णन संविधान के किस भाग में है ?
उत्तर- तीसरे भाग में ।

प्रश्न 18. मौलिक अधिकार को कब निलंबित किया जा सकता है ?
उत्तर- आपातकाल में।

प्रश्न 19. सूचना का अधिकार क्या है ?
उत्तर- सरकारी दफ्तरों से सूचना पाने का अधिकार ।

प्रश्न 20. शिक्षा का अधिकार' से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर- 14 साल तक के सभी बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा दिलाना।

प्रश्न 21. 'जीवन का अधिकार' किस मौलिक अधिकार के अंतर्गत आता है ?
उत्तर- स्वतंत्रता का अधिकार ।

प्रश्न 22. अस्पृश्यता का अंत किस मौलिक अधिकार के अंतर्गत आता है ?
उत्तर- समानता का अधिकार।

 प्रश्न 23. अपने धर्म का प्रचार करने का अधिकार किस मौलिक अधिकार के अंतर्गत आता है ?
उत्तर- धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार।

प्रश्न 24. 'बंधुआ मजदूरी पर प्रतिबंध' किस मौलिक अधिकार के अंतर्गत आता है ?
उत्तर- शोषण के विरुद्ध अधिकार ।

प्रश्न 25. उपचार के अधिकार को हमारे संविधान की 'आत्मा और हृदय' किसने कहा था ?
उत्तर- डॉ० भीमराव अम्बेदकर ।

प्रश्न 26. 'सार्वजनिक सम्पत्ति की रक्षा करना' किसके अंतर्गत आता है ?
उत्तरमौलिक कर्तव्य ।

प्रश्न 27. क्या सम्पत्ति का अधिकार 'मौलिक अधिकार' है ?
उत्तर- नहीं।

प्रश्न 28. क्या 'सशस्त्र विद्रोह में भाग लेने की स्वतंत्रता भारतीय नागरिक को उपलब्ध है ?
उत्तर- नहीं।

प्रश्न 29. अमेरिकी फौज ने दुनिया भर के विभिन्न स्थानों से 600 लोगों को पकड़कर किस जेल में डाल दिया था ?
उत्तर- गुआंतोनामो बे।

प्रश्न 30. वह शासन, जहाँ किसी धर्म को आधिकारिक धर्म की मान्यता नहीं होती, कैसा शासन कहा जाता है ?
उत्तर- धर्मनिरपेक्ष शासन ।

                 लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1. लोकतंत्र में हमें अधिकारों की आवश्यकता क्यों रहती हैं ?
उत्तर- (क) एक लोकतंत्र में अधिकार विशेष भूमिका रखता है। अधिकार अल्पसंख्यकों के दमन से रक्षा करते हैं।

(ख) अधिकार यह सुनिश्चित करते हैं कि अधिसंख्यक लोग अल्पसंख्यकों पर जुल्म न कर सकें। सरकार को ऐसी दशाओं में नागरिक अधिकारों की रक्षा करनी चाहिए। कभी-कभी चुनी गई सरकारें भी ऐसी दशाओं में नागरिक अधिकारों का दमन करने लगती हैं या उन्हें अधिकार नहीं दिला पायी हैं। यही कारण है कि कुछ अधिकारों को इतना ऊँचा रखने की आवश्यकता पड़ती है कि सरकार उनका उल्लंघन न कर सके। सभी लोकतंत्र व्यवस्थाओं में नागरिकों के अधिकार संविधान में उल्लिखित रहते हैं।

प्रश्न 2. अधिकारों को मूल क्यों कहा जाता है ?
उत्तर- भारतीय संविधान के तीसरे अध्याय (अनुच्छेद 12-35) में नागरिकों के मूल (मौलिक) अधिकारों का वर्णन किया गया है। इन अधिकारों को मूल अधिकार इसलिए कहा जाता है क्योंकि ये अधिकार मनुष्य की उन्नति तथा विकास के लिए आवश्यक माने जाते हैं। इनके प्रयोग के बिना कोई भी व्यक्ति अपने जीवन की उन्नति नहीं कर सकता। ये अधिकार देश में सामाजिक, आर्थिक तथा राजनीतिक लोकतंत्र की स्थापना में सहायता करते हैं।

प्रश्न 3. शोषण के विरुद्ध अधिकार से क्या समझते है ?
उत्तर- संविधान के अनुच्छेद 23 और 24 के अनुसार नागरिकों को शोषण के विरुद्ध अधिकार दिया गया है।

अनुच्छेद-23 के अनुसार मनुष्यों को खरीदना बेचना तथा बेगार पर रोक लगा दी गई है।

अनुच्छेद-24 के अनुसार 14 वर्ष अथवा उससे कम आयु वाले बच्चे को किसी कारखाने अथवा खान में नौकरी पर नहीं लगाया जा सकता।

प्रश्न 4. धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार क्या है ?
उत्तर- संविधान के अनुच्छेद 25 से लेकर 28 तक नागरिकों के धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार का वर्णन किया गया है। इसके अनुसार सभी नागरिकों को अपनी इच्छानुसार किसी भी धर्म को मानने तथा उसका प्रचार करने का अधिकार है। इसके लिए उन्हें अपनी धार्मिक संस्थाएँ स्थापित करने तथा उनका प्रबन्ध करने का अधिकार है।

प्रश्न 5. संस्कृति और शिक्षा-संबंधी अधिकार का वर्णन करें।
उत्तर- इस मूल अधिकार के अन्तर्गत नागरिकों के प्रत्येक समूह को जो भारत की भूमि पर रहता है तथा जिसकी अपनी निश्चित भाषा, लिपि तथा संस्कृति है, अपनी भाषा, लिपि तथा संस्कृति को सुरक्षित रखने का पूर्ण अधिकार है। इसके अतिरिक्त यह भी कहा गया है कि किसी भी राजकीय अथवा राज्य से आर्थिक सहायता प्राप्त करने वाली शिक्षा-संस्था में किसी भी विद्यार्थी को केवल उसके धर्म, जाति तथा भाषा आदि के आधार पर प्रवेश पाने से नहीं रोका जाएगा। (अनुच्छेद-29)

अनुच्छेद-30 के अनुसार धर्म अथवा भाषा पर आधारित सभी अल्पसंख्यक वर्गों को अपनी इच्छा के अनुसार शिक्षा-संस्थाएँ स्थापित करने तथा उन्हें चलाने का अधिकार होगा। इस अनुच्छेद में यह भी कहा गया है कि राज्य द्वारा शिक्षा संस्थाओं को आर्थिक सहायता देते समय उनके साथ इस आधार पर किसी प्रकार का भेद-भाव नहीं किया जाएगा कि वह अल्पसंख्यकों के प्रबन्ध के अधीन हैं।

प्रश्न 6. 'समानता का सिद्धांत सामाजिक जीवन को विस्तार देता है।' व्याख्या करें।
उतर- (क) संविधान सामाजिक विभेद के एक उग्र स्वरूप का उल्लेख करता है। यह उग्र रूप अस्पृश्यता है अतः सरकार को इनका उन्मूलन करने के निर्देश दिए गए हैं।

(ख) प्रत्येक प्रकार की अस्पृश्यता को निषिद्ध ठहराया गया है। यहाँ पर अस्पृश्यता का अर्थ कतिपय जाति के लोगों को स्पर्श न करने देना नहीं है। इसमें ऐसे सामाजिक व्यवहार और सभी तरह की मान्यताओं को भी सम्मिलित किया जाता है जो कतिपय जाति में जन्म लेने के आधार पर लोगों को तुच्छ मानती है।

(ग) ऐसा व्यवहार सार्वजनिक स्थलों पर अन्य लोगों के साथ अनुक्रिया करने या उनमें प्रवेश करने से कुछ जाति के लोगों को रोकता है और उन्हें समानता का दर्जा नहीं देता है। इन्हीं कारणों से संविधान ने अस्पृश्यता को दण्डनीय अपराध बनाया है।

प्रश्न 7. समानता का अधिकार हमारे समाज के लिए क्यों आवश्यक है ?
उत्तर- समानता का अधिकार हमारे समाज के लिए निम्न कारणों से आवश्यक है–

(क) हमारे समाज में ऊँच-नीच और स्त्री-पुरुष का भेदभाव था, इस अधिकार के द्वारा यह भेदभाव समाप्त हो गया।

(ख) हमारे समाज में हरिजनों की दशा बड़ी सोचनीय थी, इन्हें सार्वजनिक स्थानों पर नहीं जाने दिया जाता था। उनसे छुआछूत का व्यवहार होता था। इस अधिकार के द्वारा यह भेदभाव समाप्त कर दिया गया है।

प्रश्न 8. अधिकारों को देश के संविधान में लिखने की क्या आवश्यकता है ?
उत्तर- अधिकारों को देश के संविधान में मुख्य स्थान दिया गया है क्योंकि इन्हीं अधिकरों को प्राप्त करने के लिये हमारे राष्ट्रीय नेता सारा जीवन-भर ब्रिटिश सरकार से लड़ते रहे। इन अधिकारों को हमारे संविधान में इसलिए लिख दिया गया ताकि कोई भी सरकार इन अधिकारों को स्थगित करने या उनसे कोई छेड़खानी करने का प्रयत्न न कर सके। यदि कोई सरकार ऐसा करने का प्रयत्न करती है तो कोई भी नागरिक न्यायालय का दरवाजा खटखटा सकता है।

प्रश्न 9. अपनी सरकार के संबंध में सऊदी अरब नागरिकों की क्या स्थिति है ?
उत्तर- (क) इस देश पर वंशानुगत राजा का शासन है तथा उनके चुनाव या उन्हें बदलने में जनता की कोई भूमिका नहीं है।

(ख) राजा द्वारा ही विधायिका तथा कार्यपालिका के सदस्यों को मनोनीत किया जाता है। वह न्यायाधीशों की नियुक्ति करता है तथा उनके किसी भी फैसले को बदल सकता है।

(ग) नागरिक किसी भी राजनीतिक दल अथवा संगठन का निर्माण नहीं कर सकते हैं। मीडिया कोई भी ऐसी रिपोर्ट प्रकाशित नहीं कर सकती जो राजशाही को पसंद नहीं है।

(घ) वहाँ पर धर्म की स्वतंत्रता नहीं है। प्रत्येक नागरिक के लिये मुस्लिम होना अनिवार्य है। गैर-मुस्लिम निवासी अपने धर्मों का पालन व्यक्तिगत रूप से कर सकते हैं किन्त सार्वजनिक रूप से जन-सामान्य के बीच नहीं।

(ज) महिलाओं पर कई तरह के सार्वजनिक प्रतिबंध लगाए गए हैं। एक पुरुष की गवाही दो महिलाओं की गवाही के तुल्य मानी जाती है।

प्रश्न 10. संविधान अल्पसंख्यकों के सांस्कृतिक और शैक्षिक अधिकारों को क्यों विनिर्दिष्ट करता है ?
उत्तर-(क) भिन्न भाषा या संस्कृति वाले प्रत्येक नागरिक समुदाय को उसका संरक्षण करने का अधिकार है।

(ख) सरकार द्वारा अनुरक्षित किसी शैक्षिक संस्थान में प्रवेश लेने का सरकारी सहायता पाने से किसी भी नागरिक को इस आधार पर बाधित नहीं किया जा सकता है कि उसका धर्म या भाषा भिन्न है।

(ग) सभी अल्पसंख्यकों को शैक्षिक संस्थानों को अपनी पसंद से खोलने और उनकी व्यवस्था करने का अधिकार है। यहाँ पर अल्पसंख्यक का अर्थ केवल राष्ट्रीय स्तर पर धार्मिक अल्पसंख्यक नहीं है। कुछ स्थलों में भाषा विशेष को बोलने वाले लोग कम होते हैं। जैसे- आंध्र प्रदेश तेलुगु बोलने वाले लोग अधिक हैं लेकिन इसके पड़ोसी राज्य कर्नाटक में तेलुगु भाषियों की संख्या कम हैं। पंजाब में सिख पंथ के लोग अधिक हैं लेकिन राजस्थान, हरियाणा और दिल्ली में उनकी संख्या कम है। इन सभी के द्वारा अपनी-अपनी भाषा और धर्म का स्वतंत्रता से पालन किया जा सकता रहा है।

प्रश्न 11. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखें।
उत्तर- (क) यह कानून द्वारा 1993 में स्थापित एक स्वतंत्र आयोग है। न्यायपालिका की तरह ही आयोग भी सरकार के हस्तक्षेप से पूर्णतः मुक्त है। इस आयोग की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति करते हैं और इसमें सेवानिवृत्त न्यायाधीश, ऑफिसरों तथा देश के संभ्रांत और प्रतिष्ठित नागरिक रहते हैं। यह न्यायालय के मामलों पर विचार नहीं करता है। यह मानव अधिकार का उल्लंघन होने पर पीड़ित व्यक्तियों की सहायता करता है। संविधान द्वारा नागरिकों को दिए गए सभी अधिकार इसकी अधिकारिता के अन्तर्गत आते हैं। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा प्रतिपादित उन समस्त अंतर्राष्ट्रीय संधियों में वर्णित मानव अधिकार भी आते हैं जिन पर भारत सरकार ने अपने हस्ताक्षर किए हैं।

(ख) यह आयोग दोषी को स्वयं दण्डित नहीं कर सकता है। दण्ड देने की अधिकार न्यायालयों के पास ही है। यह मानव आयोग अधिकारों का हनन होने के सभी मामलों की स्वतंत्र और विश्वस्तरीय जाँच करता है। यह ऐसे हनन में किसी सरकारी अधिकारी के संलिप्त रहने अथवा इस पर नियंत्रण लगाने की जाँच भी करता है तथा देश में मानव अधिकारों को प्रोन्नत करने के अन्य सामान्य उपायों को लागू करता है।

(ग) आयोग अपनी जाँच और संस्तुति सरकार के समक्ष प्रस्तुत करता है। इसको जाँच करने की विस्तृत शक्तियाँ प्राप्त हैं। किसी न्यायालय की तरह यह गवाहों को बुला सकता है, किसी सरकारी अधिकारी से प्रश्न पूछ सकता है, किसी सरकारी दस्तावेज की माँग कर सकता है, निरीक्षण के लिए किसी कारागार में जा सकता है या अपने दल को मामले की प्रत्यक्ष जाँच करने के लिए भेज सकता है।

प्रश्न 12. भारत के नागरिकों को प्राप्त मौलिक अधिकारों को सूचीबद्ध करें।
उत्तर- भारत के नागरिकों को निम्नांकित छः मौलिक अधिकार प्रदान किए गए हैं–
(क) समानता का अधिकार,

(ख) स्वतंत्रता का अधिकार,

(ग) शोषण के खिलाफ अधिकार,

(घ) धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार,

(ङ) सांस्कृतिक तथा शिक्षा सम्बन्धी अधिकार,

(च) शैक्षिक और सांस्कृतिक अधिकार।

प्रश्न 13. स्वतंत्रता के अधिकार के अनुसार नागरिकों को कौन-कौन सी छः प्रकार की स्वतंत्रताएँ प्रदान की गयी हैं ?
उत्तर- स्वतंत्रता के अधिकार के अनुसार नागरिकों के निम्न छः प्रकार की स्वतंत्रताएँ प्रदान की गयी हैं-

(क) भाषण तथा विचार अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता ।

(ख) शांतिपूर्वक तथा बिना शास्त्रों के सभा करने की स्वतंत्रता ।

(ग) समुदाय या संघ बनाने की स्वतंत्रता ।

(घ) सारे भारत में भ्रमण की स्वतंत्रता ।

(ङ) भारत के किसी भाग में निवास करने या बस जाने की स्वतंत्रता ।

(च) कोई कारोबार या व्यवसाय करने की स्वतंत्रता ।

प्रश्न 14. एक नागरिक को 'स्वतंत्रता के अधिकार' का प्रयोग करते समय किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए ?
उत्तर- स्वतंत्रता के अधिकार का प्रयोग करते समय एक नागरिक को निम्नांकित बातों का ध्यान रखना चाहिए-
(क) वह सावधानी से स्वतंत्रता के अधिकार का प्रयोग करें।

(ख) वह कोई भी ऐसा विचार व्यक्त न करें जिसमें किसी को हानि हो।

(ग) वह दूसरों के विचारों का आदर-सम्मान करें

प्रश्न 15. राजनीतिक समानता से आप क्या समझते हैं ?
उत्तरराजनीतिक समानता से हमारा अभिप्राय यह है कि प्रत्येक नागरिक को बिना जाति, धर्म, रंग, लिंग, क्षेत्र, भाषा आदि के भेदभाव के सभी राजनैतिक अधिकार बराबर प्राप्त हों। जैसे मताधिकार, दल निर्माण का अधिकार, राजनैतिक दल की सदस्यता ग्रहण करने की स्वतंत्रता आने-जाने की स्वततंत्रता, सरकार में भागीदारी बनने का अधिकार आदि। राजनीतिक समानता के बिना लोकतंत्र की कल्पना संभव नहीं है।

प्रश्न 16. धर्म निरपेक्ष राज्य का क्या अर्थ है ?
उत्तर- धर्म निरपेक्ष राज्य का अर्थ वह राज्य (देश) जिसमें हैं-

(क) सरकार का अपना कोई धर्म नहीं होता,

(ख) सरकार धार्मिक मामलों में दखल नहीं देती,

(ग) देश के नागरिक धर्म के मामले में स्वतंत्र होते हैं,

(घ) सरकारी पदों पर नियुक्ति के समय धर्म को आधार नहीं बनाया जाता है।

प्रश्न 17. भारत में महिलाओं तथा बच्चों के संरक्षण के लिये बनाये किन्हीं तीन प्रमुख संवैधानिक उपबन्धों का वर्णन करें।
उत्तर भारत में महिलाओं तथा बच्चों के संरक्षण के लिये बनाये गये तीन प्रमुख संवैधानिक उपबन्ध इस प्रकार है-
(क) समता के अधिकार के अन्तर्गत, अनुच्छेद 15 में यह व्यवस्था की गई है कि राज्य स्त्रियों तथा बालकों के लिये कोई भी विशेष उपबन्ध बना सकता है।

(ख) शोषण के विरुद्ध अधिकार के अन्तर्गत, अनुच्छेद 24 में यह व्यवस्था की गई है कि मानव (विशेषकर स्त्रियों और बालकों) से दुर्व्यवहार करने वाला विधि के अनुसार दंडनीय होगा।

(ग) शोषण के विरुद्ध अधिकार के अन्तर्गत अनुच्छेद 24 में यह व्यवस्था की गई है कि 14 वर्ष से कम आयु के किसी बालक को किसी कारखाने या खान में काम करने के लिये नियोजित नहीं किया जायेगा या किसी अन्य परिसंकटमय नियोजन में नहीं लगाया जायेगा।

प्रश्न 18. नागरिकों के आर्थिक अधिकारों से सम्बन्धित राज्य नीति के निर्देशक सिद्धांतों का वर्णन करें।
उत्तर- (क) राज्य अपनी आर्थिक सामर्थ्य और विकास की सीमाओं के भीतर कार्य पाने के और बेकारी, बुढ़ापा, बीमारी और निःशक्ता आदि की दशाओं में लोक सहायता पाने के अधिकार को प्राप्त कराने का प्रभावी उपबंध करेगा।

(ख) राज्य उपयुक्त विधान या आर्थिक संगठन द्वारा या किसी अन्य रीति से कृषि के उद्योग के या अन्य प्रकार के सभी कर्मकारों को निर्वाह मजदूरी के अवसर प्राप्त कराने का प्रयास करेगा।

प्रश्न 19. मौलिक अधिकारों और राज्य के नीति निर्देशक तत्वों के मध्य अंतर स्पष्ट करें।
अथवा राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांत मौलिक अधिकारों से किस प्रकार भिन्न है ?
उत्तर- नीति निर्देशक सिद्धांतों तथा मौलिक अधिकारों में निम्न अंतर पाए जाते हैं-

(क) संविधान के द्वारा मौलिक अधिकार नागरिकों को दिए गए हैं परन्तु नीति निर्देशक सिद्धांत केन्द्र तथा राज्य सरकारों के मार्गदर्शन के लिए आदेश मात्र होते हैं।

(ख) मौलिक अधिकारों के पीछे कानूनी शक्ति है परन्तु नीति-निर्देशक सिद्धांतों के विषय में ऐसा नहीं है।

(ग) मौलिक अधिकारों का उद्देश्य राजनीतिक लोकतंत्र की स्थापना करना है जबकि नीति निर्देशक सिद्धांतों का उद्देश्य सामाजिक और आर्थिक लोकतंत्र की स्थापना करना है।

(घ) मौलिक अधिकारों को पूरा करने के लिए राज्य को बाध्य किया जा सकता है, लेकिन नीति-निर्देशक तत्वों के लिए नहीं।

प्रश्न 20. सरकार के प्रति हमारा क्या उत्तरदायित्व है ?
उत्तर- सरकार हमारी सुरक्षा और भलाई के लिए अनेक कार्य करती है इसलिए हमारे सरकार के प्रति भी उत्तरदायित्व बन जाता है।

(क) हमें सरकार द्वारा बनाये गए कानूनों का पालन करना चाहिए। ऐसा करके हम शान्ति एवं व्यवस्था के निर्माण में अपना बड़ा योगदान दे सकते हैं।

(ख) हमें सरकार द्वारा लगाये गए करों को भी सहर्ष अदा करना चाहिए। इसी धन से ही सरकार देश में शासन को चलाती है।

(ग) हमें देश के अन्दर शान्ति तथा व्यवस्था बनाए रखनी चाहिए।

                  दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर 

प्रश्न 1. भारत के संविधान में दिये गए मौलिक अधिकारों का वर्णन करें।
उत्तरमौलिक या मूल अधिकार उन अधिकारों को कहते हैं जो नागरिक के विकास, खुशी एवं भलाई के लिए बड़े आवश्यक होते हैं, इसलिए मौलिक अधिकार बड़े महत्त्वपूर्ण होते हैं। भारतीय संविधान ने निम्नांकित अधिकार नागरिकों को दे रखे हैं-
(क) समता या समानता का अधिकार- यह अधिकार बड़ा महत्त्वपूर्ण है। भारत में जाति, लिंग, जन्म-स्थान तथा वर्ग आदि का भेदभाव किए बिना सबको समानता का अधिकार दिया गया है। हमारे जैसे विषमताओं वाले देश में
इस अधिकार का बड़ा महत्व है।

(ख) स्वतंत्रता का अधिकार– यह अधिकार भी अपना विशेष महत्त्व रखता है। भारत में नागरिकों को भाषण देने की, समुदाय बनाने की, आवागमन की निवास करने आदि की पूर्ण स्वतंत्रता प्राप्त है।

(ग) शिक्षा एवं संस्कृति का अधिकार भारत में प्रत्येक नागरिक को अपनी भाषा एवं संस्कृति का विकास करने की पूर्ण स्वतंत्रता प्राप्त है।

(घ) धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार भारत एक धर्म-निरपेक्ष राज्य है अतः हर नागरिक को किसी धर्म का अनुसरण करने का अधिकार है।

(ङ) शोषण के विरुद्ध अधिकार भारतीय संविधान के अनुसार कोई भी व्यक्ति किसी दूसरे का शोषण नहीं कर सकता। यहाँ बेगार लेने 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों को कारखाने में रखने, स्त्रियों और बच्चों को खरीदने-बेचने
आदि की मनाही है।

(च) संवैधानिक उपचारों का अधिकार भारत में कोई भी नागरिक अपने अधिकारों की रक्षा के लिए किसी भी न्यायालय की शरण ले सकता है।

प्रश्न 2. "संवैधानिक का अधिकार छः स्वतंत्रताओं का समूह है।" इस कथन की व्याख्या करें।
उत्तरस्वतंत्रता का अधिकार कुछ अधिकारों या मूल स्वतंत्रताओं का एक गुच्छा है। ये स्वतंत्रताएँ भारतीय नागरिको के लिए अनुच्छेद 19 से 22 तक संरक्षित हैं। ये सभी अधिकार स्वतंत्रता से कुछ करने के लिए है।

छ: महत्त्वपूर्ण अधिकार जो नागरिकों के लिए संरक्षित हैं, निम्नांकित हैं-

(क) भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता - नागरिकों को विभिन्न मुद्दों पर वक्तव्य देने या प्रेस द्वारा अपने विचार की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता प्रदान की गई है।

(ख) बिना शस्त्र लिए हुए शांतिपूर्वक सभा करने की स्वतंत्रता - यह अधिकार विचारों के स्वतंत्र आदान-प्रदान और लोकमत के निर्माण के लिए जरूरी है।

(ग) समुदाय या संघ बनाने की स्वतंत्रता- नागरिकों को अपनी जरूरतों व आकांक्षाओं के अनुरूप समुदाय बनाने की स्वतंत्रता दी गई है।

(घ) भारत राज्य के किसी क्षेत्र में स्वेच्छा से कहीं भी आने-जाने की स्वतंत्रता- यह अधिकार नागरिकों को संपूर्ण देश में निर्बाध रूप से घूमने-फिरने की स्वतंत्रता देता है।

(ङ) भारत के राज्य क्षेत्र के किसी भी भाग में निवास करने तथा बस जाने की स्वतंत्रता - नागरिकों को देश के किसी भी भाग में स्थायी रूप से बसने या काम करने की स्वतंत्रता प्राप्त है।

(च) कोई वृत्ति, उपजीविका, व्यापार तथा कारोबार करने की स्वतंत्रता - सभी नागरिको को अपनी जीविका के लिए अपनी पसंद के अनुरूप कोई भी पेशा या व्यवसाय करने या चुनने की पूरी स्वतंत्रता है।

प्रश्न 3. भारत के नागरिकों के समता या समानता के अधिकार का वर्णन करें। इसका क्या महत्त्व है ?
उत्तरसमता या समानता का अधिकार बड़ा महत्त्वपूर्ण है। यह लोकतंत्र की आधारशिला है। इसका वर्णन संविधान के 14वें से 18वें अनुच्छेद में किया गया है। समानता के इस अधिकार के अन्तर्गत निम्नांकित अधिकार दिए गए हैं-

(क) कानून के सम्मुख समानता- भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14वें में यह कहा गया है कि भारतीय राज्य-क्षेत्र में राज्य किसी व्यक्ति को कानून के सम्मुख समानता अथवा कानूनों के समान संरक्षण से वंचित नहीं करेगा।"
दूसरे शब्दों में, कानून के सामने हर व्यक्ति समान समझा जायेगा।

(ख) सामाजिक समानता— संविधान के अनुच्छेद 15वें में यह घोषित किया गया है कि "राज्य किसी नागरिक के विरुद्ध दल, धर्म, वंश, जाति, लिंग, जन्म-स्थान अथवा इनमें से किसी एक के आधार पर भेदभाव नहीं करेगा।"
इन आधारों पर किसी भी नागरिक को दुकानों, सार्वजनिक होटलों, मनोरंजन के स्थानों, तालाबों, कुओं का प्रयोग करने से वंचित नहीं किया जायेगा।

(ग) आर्थिक समानता- संविधान के अनुच्छेद 16वें के अनुसार सभी नागरिकों के लिए नौकरियों या पदों पर नियुक्ति के लिए समान अवसर उपलब्ध होंगे।" अर्थात् धर्म, जाति, वंश, रंग अथवा लिंग आदि के आधार पर किसी व्यक्ति के साथ सरकारी नौकरी के मामले में कोई भेद-भाव नहीं किया जाएगा।

(घ) अस्पृश्यता का अंत- संविधान के अनुच्छेद 17वें में यह स्पष्ट कहा गया है कि अस्पृश्यता का अंत कर दिया गया है और किसी भी रूप में इसका आचरण निषिद्ध किया जाता है। 1955 ई० के अस्पृश्यता अपराध के
अधिनियम के अनुसार छुआछूत बरतने वालों के लिए कैद और जुर्माने की व्यवस्था को और भी कठोर बना दिया गया है।

(ङ) उपाधियों की समाप्ति- संविधान के अनुच्छेद 18वें के अनुसार, "सेना अथवा विद्या सम्बन्धी उपलब्धियों को छोड़कर राज्य नागरिकों को कोई उपाधि प्रदान नहीं करेगा तथा भारतीय नागरिक भी किसी विदेशी राज्य
से कोई उपाधि स्वीकार नहीं करेंगे सम्भवतः इसी विचार से ब्रिटिश काल में दी जाने वाली 'सर', 'राय साहब', 'राय बहादुर', 'खाँ बहादुर', आदि उपाधियों को समाप्त कर दिया गया है।

प्रश्न 4. राज्य-नीति के उन निदेशक सिद्धांतों का उल्लेख करें जो नागरिकों के आर्थिक अधिकारों से संबंधित हैं।
उत्तरआर्थिक व्यवस्था संबंधी सात निदेशक तत्व हैं-

(क) राज्य के सभी नागरिकों, (पुरुषों अथवा स्त्रियों) को जीविका का साधन प्राप्त हो।

(ख) समाज में भौतिक सम्पति का वितरण इस प्रकार हो जिनसे समस्त समाज का कल्याण हो सके। देश की सम्पत्ति कुछ लोगों के हाथ में केन्द्रित नहीं हो।

(ग) पुरुषों और स्त्रियों के स्वास्थ्य और शक्ति का तथा बच्चों की सुकुमारावस्था का दुरुपयोग नहीं हो।

(घ) पुरुषों और स्त्रियों में समान कार्य के लिए समान बेतन मिले।

(ङ) बालकों और नवयुवकों का शोषण और अनैतिकता से बचाव हो ।

(च) अच्छे स्वास्थ्य के लिए राज्य द्वारा पुष्टिकर भोजन की व्यवस्था हो। बेकारी, बुढ़ापा और बीमारी की अवस्था में सरकारी सहायता प्राप्त हो ।

(छ) ग्रामों में गृह तथा कुटीर उद्योग-धन्धों को प्रोत्साहित किया जाए तथा कृषि एवं पशुपालन के लिए आधुनिक वैज्ञानिक ढंग को प्रोत्साहित किया जाए।

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