JAC Board Jharkhand Class 10th Social Science Civics Solutions chapter - 8- लोकतंत्र की चुनौतियाँ

JAC Board Jharkhand Class 10th Social Science Civics Solutions chapter - 8- लोकतंत्र की चुनौतियाँ

                     समकालीन भारत 
                  लोकतंत्र की चुनौतियाँ
                     वस्तुनिष्ठ प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1. लोकतंत्र की चुनौती है-
(a) भ्रष्ट नेतागण,

(b) अशिक्षित नागरिक,

(c) सांप्रदायिकता,

(d) इनमें सभी ।
                      उत्तर - (d)

प्रश्न 2. स्थानीय सरकारों को अधिकार संपन्न बनाना किस प्रकार की चुनौती का उदाहरण है-
(a) लोकतंत्र की नींव डालने की चुनौती ।

(b) लोकतंत्र का विस्तार करने की चुनौती | 

(c) लोकतंत्र को मजबूत करने की चुनौती। 

(d) इनमें सभी ।
                      उत्तर-(b) 

प्रश्न 3. कौन-सा देश है जहाँ महिलाओं को वोट देने का अधिकार नहीं होता ? 
(a) पाकिस्तान,  

(b) इरान,

(c) सऊदी अरब, 

(d) चीन । 
               उत्तर-(c)

प्रश्न 4. अक्टूबर 2005 में भारत सरकार द्वारा निम्न में से कौन-सा कानून लागू किया गया था ?
(a) सम्पत्ति का अधिकार अधिनियम,

(b) सूचना का अधिकार अधिनियम,

(c) उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम,

(d) शिक्षा का अधिकार अधिनियम |
                                                उत्तर-(b)

प्रश्न 5. निम्न में कौन-सी स्थिति एक अच्छे लोकतंत्र के लिए अपेक्षित है ?
(a) लिंग जाति धर्म पर आधारित भेदभाव को समाप्त करना ।

(b) शासक लोगों द्वारा चुने जाते हैं।

(c) सभी मुख्य निर्णय शासक लेते हैं ।

(d) वोट देने का अधिकार प्रदान करना ।
                                                  उत्तर-(b)    

प्रश्न 6. एक अलोकतांत्रिक सरकार को लोकतंत्र में बदलने की चुनौती निम्न प्रकार की चुनौती है
(a) बुनियादी आधार बनाने की चुनौती,

(b) विस्तार की चुनौती,

(c) लोकतंत्र को मजबूत करने की चुनौती,

(d) इनमें सभी
                   उत्तर-(a)

प्रश्न 7. निम्नांकित में लोकतंत्र के मार्ग की सबसे बड़ी बाधा क्या है ?
(a) लोकतंत्र में आस्था,

(b) अशिक्षा,

(c) सामाजिक समानता,

(d) राजनीतिक जागृति ।
                                उत्तर-(b)

प्रश्न 8. आर० टी० आई० क्या है ?
(a) राइट टू इंटेंशन एक्ट,

(b) राइट टू इन्फॉरमेशन एक्ट,

(c) राइट टू ट्रांसपेरेंसी एक्ट,

(d) इनमें कोई नहीं ।
                          उत्तर-(b)

प्रश्न 9. निम्नांकित में से कौन-सा एक्ट लोगों को सरकार की गतिविधियों की जानकारी पाने की शक्ति देता है ?
(a) राइट टू इंटेंशन एक्ट,

(b) राइट टू इन्फॉरमेशन एक्ट,

(c) राइट टू ट्रांसपेरेंसी एक्ट,

(d) इनमें कोई नहीं।
                          उत्तर-(b) 

प्रश्न 10. अमेरिका द्वारा संयुक्त राज्य संघ की परवाह न करना किस प्रकार की चुनौती का उदाहरण है-
(a) नींव डालने की चुनौती,

(b) निरंकुशतावाद की चुनौती,

(c) लोकतंत्र के विस्तार की चुनौती,

(d) लोकतंत्र को मजबूत बनाने की चुनौती ।
                                                        उत्तर-(b)
 
प्रश्न 11. निम्न में से कौन-सा राज्य जातीय तनाव के कारण बिखर गया है ? 
(a) श्रीलंका, 

(b) बेल्जियम,

(c) युगोस्लाविया,

(d) बोलिविया ।
                     उत्तर-(c) 

प्रश्न 12. इराक में हिंसा नई सरकार अपनी सत्ता को स्थिर और मजबूत करने में असफल, निम्न प्रकार की चुनौती है- 
(a) बुनियादी,

(b) विस्तार,

(c) मजबूत करने की,

(d) इनमें सभी ।
                      उत्तर-(a)

प्रश्न 13. लोकतंत्र की विभिन्न चुनौतियों के बारे में सभी सुझाव या प्रस्ताव कहलाते हैं-
(a) राजनैतिक सुधार, 

(b) आर्थिक सुधार, 

(c) सामाजिक सुधार, 

(d) वैज्ञानिक सुधार। 
                             उत्तर-(a)

* कोष्ठक में से सही शब्द चुनकर रिक्त स्थानों को भरें- 

प्रश्न 1. भारतीय लोकतंत्र के लिए........बड़ी चुनौती है। (भ्रष्टाचार / इमानदारी)
उत्तरभ्रष्टाचार

प्रश्न 2. भारत में गरीबी को दूर करने का एक उपाय.......है। (जनसंख्या में वृद्धि करना / बढ़ती जनसंख्या पर रोक लगाना) 
उत्तर- बढ़ती जनसंख्या पर रोक लगाना 

प्रश्न 3. सरकार और सामाजिक समूहों के बीच........का बँटवारा अच्छे लोकतंत्र के लिए आवश्यक है। (धन / शक्ति) 
उत्तरशक्ति

प्रश्न 4. .........लोकतंत्र के लिए एक बड़ी चुनौती है। (गरीबी / विलासिता) 
उत्तरगरीबी

प्रश्न 5. भारतीय लोकतंत्र के लिए..........एक बड़ी चुनौती है। (सांप्रदायिकता / धर्मनिरपेक्षता)
उत्तरसांप्रदायिकता

                अतिलघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर 

प्रश्न 1. दुनिया के लगभग कितने हिस्से में लोकतांत्रिक व्यवस्था है ? 
उत्तर-लगभग एक चौथाई हिस्से में |

प्रश्न 2. विश्व के किन्हीं तीन लोकतांत्रिक देशों के नाम लिखें । 
उत्तर-इंग्लैंड, संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत आदि।

प्रश्न 3. विश्व के तीन गैर-लोकतांत्रिक देश कौन-कौन से हैं ? 
उत्तर-म्यांमार, पाकिस्तान और नाइजीरिया । 

प्रश्न 4. इब्राहम लिंकन के अनुसार लोकतंत्र की क्या परिभाषा है ? 
उत्तर-इब्राहम लिंकन के अनुसर लोकतंत्र ऐसी सरकार को कहते हैं "जो लोगों की हो, लोगों के लिए हो तथा लोगों के द्वारा बनाई गई हो।” 

प्रश्न 5. एक ऐसे देश का नाम लिखें जहाँ चुनाव के पश्चात् भी सत्ता सैनिक अधिकारियों के पास है।
उत्तरपाकिस्तान ।

प्रश्न 6. एक ऐसे देश का नाम लिखें जहाँ महिलाओं को वोट देने का अधिकार नहीं होता ।
उत्तरसऊदी अरब जहाँ महिलाओं को वोट का अधिकार नहीं है इसलिए ऐसे देश को लोकतंत्र नहीं माना जा सकता ।

प्रश्न 7. एक ऐसे देश का नाम लिखे जहाँ के मूल निवासियों के वोट का मूल्य बाहर से आकर बसने वाले लोगों के वोट के मूल्य से अधिक होता है। 
उत्तर- फिजी जहाँ के मूल निवासियों के वोट का महत्व भारतीय मूल के फिजी निवासियों के वोट से अधिक है।

प्रश्न 8. आप किस प्रकार की सरकार को पसन्द करेंगे- लोकतंत्र को या तानाशाही को ?
उत्तरलोकतंत्र को ।

प्रश्न 9. लोकतांत्रिक सुधार किसे कहते हैं ?
उत्तर - लोकतंत्र की विभिन्न चुनौतियों के बारे में सभी सुझाव या प्रस्ताव लोकतांत्रिक सुधार कहे जाते हैं ।

प्रश्न 10. नेपाल 2005 तक एक लोकतांत्रिक देश क्यों नहीं, कारण बताएँ । 
उत्तर(क) नेपाल में लोगों के द्वारा चुनी गई सरकार नहीं थी ।

(ख) नेपाल का राजा लोगों द्वारा शासक नहीं चुना गया है बल्कि राज परिवार में जन्म लेने के कारण उसने यह हक पाया है।

प्रश्न 11. म्यांमार एक लोकतांत्रिक देश क्यों नहीं है ?
उत्तर- (क) म्यांमार में चुनी हुई सरकार का शासन नहीं है वरन् वहाँ सैनिक अधिकारियों का शासन है जिनका चुनाव लोगों ने नहीं किया है।

(ख) शासन के फैसलों में लोगों की कोई भागीदारी नहीं है ।

(ग) जो कोई सैनिक अधिकारियों के विरुद्ध बोलता है उसे जेल में डाल दिया जाता है।

प्रश्न 12. पाकिस्तान एक लोकतांत्रिक देश क्यों नहीं है ? कारण बताएँ ।
उत्तर-(क) पाकिस्तान में चुनाव अवश्य हुए परन्तु सर्वोच्च सत्ता सेना के अधिकारियों के हाथ में रहती है।

(ख) लीगल फ्रेमवर्क आर्डर के अनुसार राष्ट्रपति जब चाहे राष्ट्रीय और प्रांतीय एसेम्बलियों को भंग कर सकता है।

प्रश्न 13. क्या सऊदी अरब एक प्रजातन्त्रीय देश है ? कारण बताएँ ।
उत्तर-(क) सऊदी अरब के शाह लोगों द्वारा शासक नहीं चुने जाते वरन् राज परिवार में जन्म लेने के कारण ही उन्होंने यह हक पाया है ।

(ख) वहाँ महिलाओं को वोट देने का अधिकार नहीं है जो सरासर लोकतन्त्रीय नियमों की अवहेलना है।

प्रश्न 14. क्या कानून बनाकर राजनीति को सुधारना ठीक है ?
उत्तर-नहीं, केवल कानून बनाने से सुधार लाना लाभकारी नहीं रहता । कानून अवश्य सुधार कार्य में सहायता देते हैं, परन्तु इसके साथ-साथ राजनीतिक कार्यकर्ताओं, राजनैतिक दलों, आन्दोलनों और सचेत नागरिकों के प्रयत्न और सहयोग भी आवश्यक है।

प्रश्न 15. लोकतंत्र की कोई दो चुनौतियों को लिखें।
उत्तर- लोकतंत्र की कोई दो चुनौतियाँ हैं

सांप्रदायिकता और अशिक्षित नागरिक ।

प्रश्न 16. नेपाल में किस तरह की शासन व्यवस्था है ?
उत्तरनेपाल में वर्तमान समय में लोकतांत्रिक सरकार है।

            लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1. लोकतंत्र की सफलता की किन्हीं पाँच आवश्यक शर्तों का वर्णन करें। 
उत्तर- लोकतंत्र को शक्तिशाली एवं प्रभावी बनाने के लिए निम्न सुझाव दिए जा सकते हैं-

(क) लोगों को वर्तमान शासकों को बदलने तथा अपनी पसंद की अभिव्यक्ति का पर्याप्त अवसर एवं विकल्प मिलना चाहिए। ये अवसर तथा विकल्प सभी लोगों के लिए उपलब्ध होने चाहिए ।

(ख) सरकार का गठन ऐसा होना चाहिए जो संविधान के बुनियादी नियमों तथा नागरिक अधिकारों को मानते हुए कार्य करें।

(ग) लोकतांत्रिक अधिकार सिर्फ वोट देने, संगठन बनाने तथा चुनाव लड़ने तक सीमित नहीं रहने चाहिए, बल्कि नागरिकों को कुछ सामाजिक तथा आर्थिक अधिकार भी मिलने चाहिए ।

(घ)  अल्पसंख्यक समूहों के हितों को पर्याप्त महत्व देने की आवश्यकता है। 

(ङ) सभी स्तरों पर सामाजिक एवं आर्थिक असमानता को कम करने का प्रयास होना चाहिए ।

प्रश्न 2. एक अच्छे लोकतंत्र की मुख्य विशेषताएँ लिखें ।
उत्तर लोकतंत्र एक ऐसी शासन पद्धति है जहाँ शक्ति का स्रोत जनता है, सरकार जनता के प्रतिनिधियों द्वारा बनाई जाती है और वह जनता की भलाई के लिए ही कार्य करती है। एक अच्छे लोकतंत्र की मुख्य विशेषताएँ निम्नांकित हैं-

(क) लोगों द्वारा चुने गए सदस्य ही देश के शासन की बागडोर सम्भालते हैं और सारे प्रमुख फैसले वे स्वयं करते हैं |

(ख) लोकतंत्र में चुनाव निष्पक्ष और स्वतंत्र रूप से होते हैं और चुनाव द्वारा लोग जब चाहे मौजूदा शासकों को बदल सकते हैं।

(ग) लोकतंत्र की तीसरी विशेषता यह है कि इसमें सभी लोगों को सार्वभौमिक व्यस्क मताधिकार के नियमों के अनुसार समान रूप से वोट देने का अधिकार उपलब्ध होता है ।

(घ) चुनाव द्वारा चुनी गई सरकार संविधान द्वारा निश्चित बुनियादी कानूनों और नागरिक अधिकारों की सीमा में रहते हुए काम करती है। 

प्रश्न 3. भारत में लोकतांत्रिक अधिकारों की चर्चा करें ।
उत्तर-लोकतांत्रिक अधिकारों का अभिप्राय उन अधिकारों से है जो कि नागरिकों को राज्य की ओर से शासन में भाग लेने के उद्देश्य से प्रदान किए जाते हैं । लोकतांत्रिक अधिकार से तात्पर्य उन व्यवस्थाओं से है जिनमें नागरिकों को शासन कार्य में भाग लेने का अवसर प्राप्त होता । आतंत्रीय शासन-व्यवस्था में इन अधिकारों का और भी अधिक महत्व है। इससे नागरिकों को राजनीतिक प्रशिक्षण प्राप्त होता है। निर्वाचन में भाग लेने से राजनीतिक कार्यों को करने की क्षमता तथा उत्तरदायित्व की भावना का विकास होता है । 

प्रमुख लोकतांत्रिक अधिकार - 

(क) मतदान का अधिकार, 

(ख) निर्वाचित होने एवं राजनीतिक पद पाने का अधिकार, 

(ग) प्रार्थना पत्र देने का अधिकार, 

(घ) कानून के समक्ष समता का अधिकार, 

(ङ) सरकार की आलोचना करने का अधिकार इत्यादि । 

प्रश्न 4. लोकतंत्र को मजबूत करने में एक आम आदमी किस प्रकार की महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है ? स्पष्ट करें।
उत्तरविश्व में जहाँ कहीं भी लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था है उसके सामने लोकतंत्र को मजबूत करने की महत्वपूर्ण चुनौती है। इसमें लोकतांत्रिक संस्थाओं की कार्य पद्धति को सुधारना तथा मजबूत करना है ताकि लोगों की भागीदारी और नियंत्रण में वृद्धि हो। इसके लिए फैसला लेने की प्रक्रिया पर अमीर और प्रभावशाली लोगों के नियंत्रण और प्रभाव को कम करने की जरूरत होती है। 

प्रश्न 5. "लोकतंत्र सरकार का एक ऐसा स्वरूप है जिसमें शासकों का चुनाव लोग करते हैं। लोकतंत्र की इस परिभाषा को आप कहाँ तक उचित मानते हैं ? 
उत्तर"लोकतंत्र सरकार का एक ऐसा स्वरूप है जिसमें शासकों का चुनाव लोग करते हैं" लोकतंत्र की एक सरल-सी परिभाषा है। इस कसौटी पर कसते हुए हम यह आसानी से कह सकते हैं कि सऊदी अरब और म्यांमार की सरकारें लोकतांत्रिक नहीं क्योंकि वहाँ के शासक लोगों द्वारा चुने हुए नहीं होते। परन्तु लोकतंत्र की उपरोक्त परिभाषा लोकतंत्र के केवल एक पक्ष को ही प्रतिबिम्बित करती है। इसलिए यह पर्याप्त नहीं है। केवल चुनाव कराने से कोई सरकार लोकतांत्रिक सरकार नहीं बन जाती । चुनाव तो पाकिस्तान, चीन और इराक में भी बराबर करवाए जाते हैं क्या इतने में ही वे सरकारें लोकतंत्र बन गईं ? नहीं क्योंकि पाकिस्तान में वास्तविक सत्ता सैनिक अधिकारियों के पास में है, चीन में सत्ता का केन्द्र केवल एक ही राजनीतिक दल और इराक में सत्ता की बागडोर औरों के हाथ में है। केवल सैनिक अधिकारियों, एक ही राजनीतिक दल या विदेशी शक्ति के हाथ में सत्ता किसी भी हालत में लोकतंत्र की स्थापना नहीं कर सकते। इसलिए लोकतंत्र की उपरोक्त परिभाषा पर्याप्त नहीं है । 

प्रश्न 6. लोकतंत्र को अर्थपूर्ण बनाने के लिए नागरिकों को भली प्रकार अवगत होना और सामाजिक दृष्टि से उत्तरदायी होना क्यों आवश्यक है ?
उत्तर-लोकतंत्र को अर्थपूर्ण बनाने के लिए नागरिकों को भली प्रकार अवगत होना और सामाजिक दृष्टि से उत्तरदायी होना बड़ा आवश्यक है। इसके मुख्य कारण निम्नांकित हैं-

(क) नागरिकों की प्रजातंत्र में महत्त्वपूर्ण भूमिका- प्रजातंत्र लोगों द्वारा निर्मित और लोगों के लिए सरकार होती है। इसलिए स्पष्ट है कि लोगों या नागरिकों का प्रजातंत्र में बड़ा महत्त्वपूर्ण भाग होता है क्योंकि प्रजातंत्र में सबसे मुख्य उनकी ही भूमिका होती है इसलिए उनका भली प्रकार से अवगत होना तथा सामाजिक दृष्टि से उत्तरदायी होना बड़ा आवश्यक होता है।

(ख) मौलिक अधिकारों का संरक्षण - जैसे प्रजातंत्र के लिए नागरिकों का महत्व है उसी प्रकार नागरिकों के लिए उनके मौलिक अधिकारों का महत्व है। इन मौलिक अधिकारों के बिना नागरिक दास बन कर रह जाएँगे और कुन्द-बुद्धि नागरिक प्रजातंत्र की कैसे रक्षा कर सकेंगे। केवल भली प्रकार अवगत तथा सामाजिक दृष्टि से उत्तरदायी नागरिक ही प्रजातंत्र को अर्थपूर्ण बना सकते हैं।

(ग) एक स्वच्छ समाज का निर्माण- यदि समाज रोगी होगा तो नागरिक अनेक प्रकार की बुराईयों में उलझे रहेंगे। ऐसे में वे लोकतंत्र को कैसे अर्थपूर्ण बनाएँगे। यदि नागरिक भली प्रकार अवगत होंगे ओर सामाजिक दृष्टि से उत्तरदायी होंगे तो समाज की विभिन्न बुराइयों जैसे- दहेज प्रथा, जाति प्रथा , स्त्रियों से दुर्व्यवहार आदि को दूर कर सकेंगे। ऐसे स्वस्थ नागरिक ही प्रजातंत्र को अर्थपूर्ण बनाने में सहायक सिद्ध होंगे। 

प्रश्न 7. भारतीय लोकतंत्र के कुशल संचालन में महिलाओं की असमानता किस प्रकार बाधा पहुँचाती है ?
उत्तर- निम्नांकित कारणों से महिलाओं की असमानता लोकतंत्र के लिए बाधक सिद्ध होती है-

(क) लोकतंत्र का आधार है समाज में सभी को समानता दिलाना । परन्तु नारियों को पुरुषों के बराबर न समझने से लोकतंत्र विकसित नहीं हो सकता ।

(ख) नारियों को पुरुषों के बराबर स्वतंत्रता भी नहीं है। परन्तु स्वतंत्रता के बिना लोकतंत्र का कोई अर्थ नहीं क्योंकि स्वतंत्रता ही तो लोकतंत्र का मूल आधार है।

(ग) पुरुषों के द्वारा नारियों का शोषण व उत्पीड़न होता है जो कि लोकतंत्र के मार्ग में एक महान बाधा है।

प्रश्न 8. भारतीय लोकतंत्र में राजनीतिक सुधारों की आवश्यकता क्यों है ? कारण दें। 
उत्तर-(क) कानून बनाकर राजनीति को सुधारने की बात सोचना बहुत लुभावना लग सकता है। नए कानून सारी अवांछित चीजें खत्म कर देंगे, यह सोच भले ही सुखद हो लेकिन इस लालच पर लगाम लगाना ही बेहतर है। निश्चित रूप से सुधारों के मामले में कानून की एक महत्त्वपूर्ण भूमिका है। सावधानी से बनाए गए कानून गलत राजनीतिक आचरणों को हतोत्साहित और अच्छे कामकाज को प्रोत्साहित करेंगे । पर विधिक-संवैधानिक बदलावों को ला देने भर से लोकतंत्र की चुनौतियों को हल नहीं किया जा सकता ।

(ख) कानूनी बदलाव करते हुए इस बात पर गंभीरता से विचार करना होगा कि राजनीति पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा। कई बार परिणाम एकदम उल्टे निकलते हैं। जैसे कई राज्यों ने दो से ज्यादा बच्चों वाले लोगों के पंचायत चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी है। इसके चलते अनेक गरीब लोग और महिलाएँ लोकतांत्रिक अवसर से वंचित हुई, जबकि ऐसा करने के पीछे यह मंशा न थी। आमतौर पर किसी चीज की मनाही करने वाले कानून राजनीति में ज्यादा सफल नहीं होते। राजनीतिक कार्यकर्ता को अच्छे काम करने के लिए बढ़ावा देने वाले या लाभ पहुँचाने वाले कानूनों के सफल होने की संभावना ज्यादा होती है।

(ग) लोकतांत्रिक सुधार तो मुख्यतः राजनीतिक दल ही करते हैं। इसलिए आम नागरिक की राजनीतिक भागीदारी के स्तर और गुणवत्ता में सुधार लाकर लोकतांत्रिक कामकाज को ज्यादा मजबूत बनाना ही राजनीतिक सुधारों का लक्ष्य होना चाहिए ।

(घ) राजनीतिक सुधार के किसी भी प्रस्ताव में अच्छे समाधान की चिंता होने के साथ-साथ यह सोच भी होनी चाहिए कि इन्हें कौन और क्यों लागू करेगा ।

प्रश्न 9. अल्पसंख्यकों की चुनौती का भारतीय लोकतंत्र में कैसे हल किया गया है ?
उत्तर- भारत एक अनेक धर्मों का देश है जिस कारण कभी-कभी प्रजातंत्र के ठीक प्रकार से चलने में समस्याएँ पैदा हो जाती हैं। प्रजातंत्र में बहुमत की सरकार बनती है इसलिए कई बार अल्पसंख्यकों को यह संदेह हो जाता है कि उनसे पूरा न्याय नहीं हो सकेगा और बहुमत के लोग उनके अधिकारों की अवहेलना कर उनको ही पंगु न बना दे। ऐसी धारणा को समाप्त करने के उद्देश्य से भारतीय संविधान ने अल्पसंख्यक लोगों को कुछ अधिकार दे रखे हैं जो 'अल्प-संख्यकों के अधिकार' कहलाते हैं ।

भारतीय संविधान ने अनेक धार्मिक तथा भाषाई अल्पसंख्यकों को यह एक मौलिक अधिकार दे रखा है कि वे अपने विद्या-संस्थानों को स्थापित कर सकते हैं। अल्पसंख्यक लोगों के इस अधिकार को भारतीय संविधान ने पूर्ण संरक्षण दे रखा है। ऐसे संरक्षण ने अल्पसंख्यकों के संदेह को दूर करके उन्हें राष्ट्रीय-धारा में लाने का पूर्ण प्रयत्न किया है ताकि भारत में प्रजातंत्र ठीक ढंग से चल सके। 

प्रश्न 10. लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं के सामने अपने विस्तार की क्या-क्या चुनौतियाँ हैं ? स्पष्ट करें ।
उत्तर-अधिकतर लोकतंत्रीय राज्यों के सामने अपने विस्तार की चुनौती है। इसमें लोकतंत्रीय शासन के बुनियादी सिद्धांतों को देश के सभी इलाकों, सभी सामाजिक समूहों और विभिन्न संस्थाओं में लागू करना शामिल है। संघीय ढाँचे को मजबूत बनाना, स्थानीय संस्थाओं को अधिक अधिकार देना तथा महिलाओं और पिछड़े वर्गों की उचित भागीदारी आदि ऐसी चुनौतियाँ हैं।

प्रश्न 11. सूचना का अधिकार कानून लोकतंत्र का रखवाला है, कैसे ?
उत्तरलोकतंत्र में जनता को यह अधिकार होता है कि वह सरकार द्वारा चलाए जा रहे विकास कार्यों की सही जानकारी रखे। इसी उद्देश्य से 2005 में सूचना का अधिकार कानून बनाया गया ताकि विकास कार्यों में विलंब, सही तरीके से धन का व्यय नहीं होने तथा घटिया काम होने की स्थिति में यह उत्तरदायित्व निश्चित किया जा सके कि इसके लिए कौन-कौन दोषी हैं। कार्यों की जिम्मेदारी के निर्धारण के आधार पर ही इसके दोषियों पर उचित कार्रवाई की जा सकती है। सूचना देने में आनाकानी अथवा लापरवाही बरतने की स्थिति में दोषी कर्मचारियों पर भी दंडात्मक कार्रवाई करने का प्रावधान किया गया है, ताकि जनता को उचित जानकारी सही समय पर मिल सके । अतः स्पष्ट है कि सूचना का अधिकार लोकतंत्र का रखवाला है ।

प्रश्न 12. शिक्षा का अभाव लोकतंत्र के लिए चुनौती है, कैसे ?
उत्तरसजग एवं जागरूक जनता प्रबुद्ध जनमत लोकतंत्र का रखवाला है। शिक्षित जनता ही राजनीतिक के प्रति सजग और अधिकारों के प्रति जागरूक हो सकती है। शिक्षित जनता ही प्रबुद्ध जनमत की अभिव्यक्ति कर सकती है। शिक्षा ही अधिकारों के प्रति जागरूक बनाती है। शिक्षा के अभाव में मतदाता अपने मताधिकार का सही प्रयोग नहीं कर पाते हैं। मताधिकार के दुरूपयोग से लोकतंत्र की नींव कमजोर होती है। शिक्षा का अभाव लोगों को सरकार के प्रति लापरवाह और उदासीन बना देता है। उन्हें सरकार के काम-काज में दिलचस्पी नहीं रहती है। अतः, अशिक्षा के अंधकार को मिटाना और शिक्षा का प्रसार लोकतंत्र की सफलता के लिए आवश्यक है।

                दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर 

प्रश्न 1. लोकतंत्र के सामने आने वाली बड़ी या प्रमुख चुनौतियाँ कौन-कौन सी है ?
उत्तर वैसे तो हर देश विशेषकर लोकतांत्रिक देशों के सामने अपनी अपनी अलग-अलग चुनौतियाँ हैं परन्तु कुछ ऐसी बड़ी या प्रमुख चुनौतियाँ भी हैं जिनका सामना सभी लोकतांत्रिक देशों को मिलकर करना चाहिए। ऐसी कुछ बड़ी या प्रमुख चुनौतियाँ निम्नांकित हैं

(क) बुनियादी चुनौती- लोकतंत्र या विश्व के लोकतांत्रिक देशों के सामने एक बड़ी प्रमुख समस्या यह है कि विश्व के एक-चौथाई देशों में जहाँ लोकतांत्रिक व्यवस्था नहीं है वहाँ लोकतंत्र के लिए बुनियादी आधार बनाने की चुनौती है। कैसे वहाँ गैर-लोकतांत्रिक सरकार या सैनिक सरकार को गिराया जाए इसके स्थान पर वहाँ एक कारगर और संप्रभु शासन व्यवस्था को स्थापित किया जाए इसके लिए गहराई से सोचने और उचित प्रयत्न करने की चुनौती है।

(ख) विस्तार की चुनौती- जिन देशों में लोकतंत्र स्थापित है उन्हें इसके विस्तार करने की चुनौती है। बुनियादी लोकतांत्रिक सिद्धान्तों को कैसे सभी इलाकों, सभी सामाजिक समूहों, सभी प्रशासनिक इकाइयों तक पहुँचाया जाए, कैसे महिला वर्ग, अल्पसंख्यक वर्ग या उपेक्षित वर्ग इस भागीदारी से वंचित न रह जाए इसकी ओर ध्यान देने की आवश्यकता है।

(ग) लोकतंत्र को गहरा और मजबूत करने की चुनौती- सभी लोकतांत्रिक देशों के सामने यह चुनौती है कि कैसे लोकतांत्रिक संस्थाओं और धाराओं को ऐसा मजबूत बनाया जाए ताकि लोकतांत्रिक व्यवस्था का लाभ ऊपर से नीचे तक के वर्गों को पहुँच सके। प्रजातंत्रीय संस्थाओं की कार्यविधि को सुधारने और मजबूत करने की आवश्यकता है ताकि सभी लोगों की भागीदारी और नियंत्रण में वृद्धि हो और अमीर और प्रभावशाली वर्ग का प्रभुत्व कम हो ।

प्रश्न 2. भारतीय लोकतंत्र की दो महत्त्वपूर्ण चुनौतियों का संक्षेप में उल्लेख करें तथा उसके सुधार के उपाय बताएँ।
अथवा, भारतीय लोकतंत्र की प्रमुख चुनौतियों का वर्णन करें । 
उत्तरभारतीय लोकतंत्र की चुनौतियाँ-

राजनीति का अपराधीकरण- आए दिन ऐसा देखा जा रहा है कि संसद या विधान सभाओं में अपराधी प्रवृत्ति के जनप्रतिनिधियों की संख्या बढ़ती जा रही है। जिससे शासन के सुचारू रूप से संचालन में कठिनाई हो रही है ।

उग्रवाद - आज भारत के अधिकांश राज्य उग्रवाद की चपेट में हैं । आज किसी भी रूप में देश के अन्तर्गत कहीं न कहीं उग्रवादी घटनाएँ घटती रहती है। जिससे भारतीय लोकतंत्र के सफल संचालन में व्यवधान उपस्थित हो रहा है। 

सुधार के उपाय / सुझाव-

(क) राजनीतिक पार्टियों को किसी भी परिस्थिति में अपराधी प्रवृत्ति के लोगों को टिकट नहीं देना चाहिए ।

(ख) सरकार को भी ऐसा कानून बनाना चाहिए ताकि किसी भी परिस्थिति में अपराधी लोग संसद अथवा विधान सभा या पंचायत समिति के सदस्य नहीं बन सकें।

(ग) जनता को भी ऐसी प्रवृत्ति वाले लोगों को चुनाव में धूल चटानी चाहिए। 

(घ) उग्रवाद पर नियंत्रण हेतु सरकार के पास दृढ़ इच्छाशक्ति होनी चाहिए। 

(ङ) आवश्यकता पड़ने पर अति उग्रवाद क्षेत्र को सेना के हवाले कर देना चाहिए।

(च) उग्रवादियों को देश की मुख्य धारा में लाने हेतु सरकार की स्पष्ट एवं उदार नीति होनी चाहिए ।

(छ) नेता, अधिकारी एवं उग्रवादियों के बीच गठजोड़ नहीं होना चाहिए। 

प्रश्न 3. भारतीय लोकतंत्र में निरक्षरता का क्या प्रभाव है ?
उत्तरभारतीय लोकतंत्र में निरक्षरता का प्रभाव-

(क) अपने लोकतांत्रिक अधिकारों के बारे में जागरूक न हो पाना।

(ख) अपने वोट का सही उपयोग न कर पाना । 

(ग) लोकतांत्रिक व्यवस्था एवं विकास में बाधक । 

(घ) सरकार की योजनाओं का लाभ न ले पाना । 

(ङ) विकास में भागीदार न होना ।

(च) गरीबी एवं पिछड़ापन आदि ।

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