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 JAC Board Jharkhand Class 9th Social Science Economics Solutions chapter - 4- भारत में खाद्य सुरक्षा

JAC Board Jharkhand Class 9th Social Science Economics Solutions chapter - 4- भारत में खाद्य सुरक्षा

                        अर्थशास्त्र 

                 भारत में खाद्य सुरक्षा

              सही विकल्प का चयन करें

प्रश्न 1. राशन कार्ड कितने प्रकार के होते है ?

(a)  6.

(b) 4.

(c) 9.

(d) 3.
         उत्तर-(d)

प्रश्न 2. लक्षित सार्वजनिक वितरण कब आरम्भ किया गया ?
(a) 2000 ई०,

(b) 1997 ई०,

(c) 1990 ई०,

(d) 2005 ई०।
                       उत्तर-(b)

प्रश्न 3. अन्नपूर्णा प्रणाली कब लागू की गयी ?
(a) 1995 ई०,

(b) 1900 ई०,

(c) 1999 ई०,

(d) 2000 ई० ।
                         उत्तर - (d)

प्रश्न 4. मौसमी भूख किस क्षेत्र में प्रचलित है ?
(a) शहरी क्षेत्रों में,

(b) ग्रामीण क्षेत्रों में,

(c) महानगरीय क्षेत्रों में,

(d) उपनगरीय क्षेत्रों में ।
                                उत्तर-(b)

प्रश्न 5. पी० डी० एस० (PDS) का पूर्ण रूप क्या है ?
(a) सामान्य वितरण प्रणाली,

(b) स्वीकृत बाल विकास प्रणाली,

(c) सार्वजनिक वितरण प्रणाली,

(d) सार्वजनिक अन्नपूर्णा प्रणाली ।
                                             उत्तर-(c)

प्रश्न 6. एफ० सी० आई० (FCI) का पूर्ण रूप क्या है ?
(a) सार्वजनिक वितरण विभाग,

(b) भारतीय खाद्य निगम,

(c) भारतीय खाद्य सुरक्षा विभाग,

(d) इनमें कोई नहीं ।
                            उत्तर-(b)

प्रश्न 7. बी० पी० एल० (BPL) कार्ड किसको दिया जाता है ?
(a) निर्धनों में भी निर्धन लोगों के लिए ।

(b) निर्धनता रेखा से नीचे के लोगों के लिए |

(c) अन्य सभी लोगों के लिए ।

(d) इनमें कोई नहीं ।
                            उत्तर-(b)

प्रश्न 8. 'बफर स्टॉक' क्या है ?
(a) सरकार द्वारा अधिप्राप्त अनाज का भंडार,

(b) व्यक्ति द्वारा अधिप्राप्त अनाज का भंडार,

(c) अमीर व्यक्ति द्वारा अधिप्राप्त अनाज का भंडार,

(d) व्यापारी द्वारा अधिप्राप्त अनाज का भंडार ।
                                                   उत्तर-(a)

प्रश्न 9. खाद्य असुरक्षित कौन वर्ग है ?
(a) भूमिहीन श्रमिक,

(b) पारंपरिक दस्तकार, कामगार,

(c) निराश्रित तथा भिखारी,

(d) इनमें सभी ।
                           उत्तर-(d)

प्रश्न 10. आई० सी० डी० एस० (ICDS) का पूर्ण रूप क्या है ?
(a) सार्वजनिक प्रणाली,

(b) एकीकृत बाल विकास सेवाएँ,

(c) गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम,

(d) अन्नपूर्णा योजना ।
                              उत्तर-(b)

प्रश्न 11. भारत के उस योजना जिसमें गरीबों में सबसे गरीब लोग आते हैं, है-
(a) प्रधानमंत्री ग्रामोद्योग योजना,

(b) ग्रामीण रोजगार विकास योजना,

(c) अंत्योदय अन्न योजना,

(d) प्रधानमंत्री रोजगार योजना |
                                           उत्तर-(c)

प्रश्न 12. खाद्य सुरक्षा का क्या अभिप्राय है ?
(a) खाद्यान्न तक लोगों की पहुँच,

(b) खाद्यान्न की उपलब्धता,

(c) खाद्यान्न क्रय करने की क्षमता,

(d) इनमें सभी ।
                       उत्तर-(d) 

प्रश्न 13. अकाल के दौरान बड़े पैमाने पर क्या होता है ?
(a) बच्चों का जन्म होता है ।

(b) लोगों का विवाह होता है

(c) अधिक वर्षा होती है ।

(d) अधिक लोगों की मृत्यु होती है ।
                                             उत्तर-(d) 

प्रश्न 14. पीला कार्ड किसे जारी किया जाता है ?
(a) राशन दुकानदार को,

(b) भूमि स्वामी को,

(c) सरकारी कर्मचारी को,

(d) गरीबी रेखा से नीचे के लोगों को ।
                                                उत्तर-(d)

प्रश्न 15. भारत में राशन प्रणाली कब शुरू हुई ?
(a) 1930 के दशक में,

(b) 1950 के दशक में,

(c) 1940 के दशक में,

(d) इनमें कोई नहीं।
                           उत्तर-(c) 

प्रश्न 16. सार्वजनिक वितरण प्रणाली में किन-किन वस्तुओं का वितरण किया जाता है ?
(a) गेहूँ, चावल, 

(b) मिट्टी तेल,

(c) चीनी,

(d) इनमें सभी ।
                        उत्तर-(d)

प्रश्न 17. 1943 में भारत में सबसे भयानक अकाल कहाँ पड़ा था ?
(a) ओडीसा,

(b) बंगाल,

(c) बिहार, 

(d) तमिलनाडु
                    उत्तर-(b) 

प्रश्न 18. गुजरात में दूध और दुग्ध उत्पादों के लिए सफल सहकारी समिति का क्या नाम है ? 
(a) अमूल,

(b) पराग,

(c) सुधा,

(d) मदर डेयरी ।
                          उत्तर - (a)

प्रश्न 19. वह देश जहाँ सन् 1958-61 के दौरान पड़ा अकाल विश्व इतिहास का सबसे भयावह अकाल था ।
(a) नेपाल,

(b) चीन,

(c) भारत,

(d) पाकिस्तान ।
                      उत्तर-(b)

प्रश्न 20. भुखमरी और आश्रय का न होना किसको दर्शाते हैं ?
(a) असुरक्षा,

(b) निर्धनता,

(c) अपवर्जन,

(d) आतंकवाद ।
                          उत्तर-(b) 

प्रश्न 21. स्वतंत्रता के बाद किस क्षेत्र में आत्मनिर्भर होना भारत का लक्ष्य रहा है ?
(a) हथियार,

(b) पूँजी,

(c) खाद्यान्न,

(d) आवास ।
                  उत्तर - (c)

प्रश्न 22. अन्नपूर्णा प्रणाली का लक्षित समूह क्या है ?
(a) दीन वरिष्ठ नागरिक,

(b) अमीर वरिष्ठ नागरिक,

(c) लाचार वरिष्ठ नागरिकरें

(d) सक्षय वरिष्ठ नागरिक ।
                                    उत्तर - (a )

प्रश्न 23. जिस मूल्य पर भारतीय खाद्य निगम किसानों से खाद्यान्न खरीदता है कहलाता है-
(a) अधिकतम समर्थन मूल्य,

(b) न्यूनतम समर्थन मूल्य,

(c) सामान्य समर्थन मूल्य,

(d) आवश्यक समर्थित मूल्य |
                                      उत्तर-(b)

प्रश्न 24. सरकार की कौन-सी एजेन्सी किसानों से आधिक्य गेहूँ तथा चावल का क्रय करती है ?
(a) सार्वजनिक वितरण विभाग,

(b) भारतीय खाद्य निगम,

(c) भारतीय खाद्य सुरक्षा विभाग,

(d) इनमें कोई नहीं।
                                उत्तर-(b) 

प्रश्न 25. भारतीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम कब बना ?
(a) 2003 ई०,

(b) 2013 ई०,

(c) 2004 ई०,

(d) 2014 ई०।
                     उत्तर-(b) 

             अतिलघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर 

प्रश्न 1. खाद्य सुरक्षा से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर - खाद्य सुरक्षा से अभिप्राय हर समय सब व्यक्तियों को खाद्यान्न उपलब्ध हों, खाद्यान्न उनकी पहुँच में हो तथा वे खाद्यान्न को खरीदने में समर्थ हों।

प्रश्न 2. न्यूनतम समर्थित कीमत से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर- न्यूनतम समर्थित कीमत- यह वह कीमत है जिस पर सरकार भारतीय खाद्य निगम के माध्यम से उन राज्यों के किसानों से अनाज खरीदती है जहाँ अधिशेष उत्पादन होता है। प्रतिवर्ष बुआई के मौसम से पहले ही सरकार न्यूनतम समर्थित कीमत की घोषणा करती है। ऐसा फसलों के उत्पादन को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से किया जाता है ।

प्रश्न 3. बफर स्टॉक क्या है ?
उत्तर- बफर स्टॉक- यह सरकार द्वारा अधिप्राप्त अनाज का भंडार है। उदाहरण के लिए, गेहूँ और चावल का अधिशेष उत्पादन भारतीय खाद्य निगम के माध्यम से सरकार द्वारा भंडारित होता है। भारतीय खाद्य निगम किसी पूर्व निर्धारित कीमत पर उन राज्यों में किसानों से गेहूँ और चावल खरीदती है, जहाँ अधिशेष उत्पादन होता है।

प्रश्न 4. कौन लोग खाद्य असुरक्षा से अधिक ग्रस्त हो सकते हैं ?
उत्तर- भूमिहीन लोग (जिनके पास कोई भूमि नहीं है या बहुत ही कम भूमि है), परम्परागत कारीगर, परम्परागत सेवाएँ प्रदान करने वाले छोटे-छोटे स्वनियोजित कार्यकर्ता, भिखारी तथा अनाथ व्यक्ति ।

प्रश्न 5. भारत में कौन-से राज्य खाद्य असुरक्षा से अधिक ग्रस्त हैं ?
उत्तर - उत्तर प्रदेश (पूर्वी तथा दक्षिणी पूर्वी भाग), बिहार, झारखण्ड, उड़ीसा, पश्चिमी बंगाल, छत्तीसगढ़ तथा महाराष्ट्र ।

प्रश्न 6.निर्गम कीमत पर एक टिप्पणी लिखें ।
उत्तर- समाज के गरीब वर्गों को विशेषकर कमी वाले क्षेत्रों में सहायता के रूप में बाजार कीमत से कम कीमत पर जो अनाज दिया जाता है, उस कम कीमत को निर्गम कीमत कहा जाता है।

प्रश्न 7. सरकार की कौन-सी एजेन्सी किसानों से आधिक्य गेहूँ तथा चावलों का क्रय करती है ? 
उत्तर- भारतीय खाद्य निगम किसानों से अधिक गेहूँ तथा चावल का क्रय करती है

प्रश्न 8. सार्वजनिक वितरण प्रणाली क्या है ?
उत्तर- सार्वजनिक वितरण प्रणाली वह प्रणाली है जिसके अन्तर्गत भारतीय खाद्य निगम द्वारा एकत्रित अनाज को उचित मूल्य वाली दुकानों के माध्यम से समाज के सबसे अधिक निर्धनों में वितरित किया जाता है।

प्रश्न 9. राशन कार्ड के तीन प्रकार लिखें ।
उत्तर - राशन कार्ड तीन प्रकार के हैं
(क) अन्त्योदय कार्ड,

(ख) बी० पी० एल० कार्ड (निर्धनता रेखा के नीचे रहने वालों के लिये, तथा (ग) APL कार्ड (अन्य सभी लोगों के लिये ) ।

प्रश्न 10. आर्थिक सहायता क्या है ?
उत्तर-आर्थिक सहायता उत्पादकों को सरकार द्वारा दिया जाने वाला वह भुगतान जो एक वस्तु की बाजार कीमत का पूरक होता है । आर्थिक सहायता से उपभोक्ताओं को कम कीमत पर वस्तुएँ प्राप्त होती हैं ।

प्रश्न 11. भारतीय खाद्य निगम क्या करता है ?
उत्तर-भारतीय खाद्य निगम किसानों से उनके आधिक्य गेहूँ तथा चावल खरीदता है, उनका भण्डारण करता है, तथा उचित मूल्य की दुकानों पर इनकी आपूर्ति करता है।

प्रश्न 12. मौसमी भूख कब अस्तित्व में आती है ?
उत्तर- मौसमी भूख उस समय अस्तित्व में आती है जब एक व्यक्ति को साल में कुछ महीने ही रोजगार मिल पाता है। अर्थात् उसे सारा वर्ष काम नहीं मिलता।

प्रश्न 13. ग्रामीण क्षेत्र में मौसमी भूख क्यों व्यापक (प्रचलित ) है ?
उत्तर- ग्रामीण क्षेत्र में कृषि क्रियाओं के मौसमी होने के कारण ग्रामीण क्षेत्र में मौसमी भूख प्रचलित है।

प्रश्न 14. निर्धनता की अधिकता के फलस्वरूप कौन-कौन से तीन मुख्य कार्यक्रम आरम्भ किये गये ?
उत्तर- (क) सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS)

(ख) स्वीकृत बाल विकास सेवाएँ प्रणाली तथा 

(ग) काम के बदले अनाज

प्रश्न 15. लक्षित सार्वजनिक वितरण को कब और किस उद्देश्य से आरम्भ किया गया था ?
उत्तर-लक्षित सार्वजनिक प्रणाली को 1997 में आरम्भ किया गया था। इसके उद्देश्य सब क्षेत्रों में निर्धनों को लक्ष्य करना था ।

प्रश्न 16. खाद्य की उपलब्धता का क्या अर्थ है ?
उत्तर-खाद्य की उपलब्धता से अभिप्राय है देश के अन्दर खाद्य का उत्पादन, खाद्य का आयात तथा सरकारी अनाज के गोदामों में पिछले वर्ष का स्टॉक

प्रश्न 17. खाद्य की सामर्थ्यता से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर-खाद्य सुरक्षा के लिए आवश्यक शर्तें निम्नांकित हैं
(क) सभी लोगों के लिए पर्याप्त मात्रा में खाद्य उपलब्ध है

(ख) स्वीकृत गुण वाले खाद्य को क्रय करने की शक्ति है 

(ग) खाद्य तक पहुँचाने के लिये कोई रुकावट नहीं है।

प्रश्न 18. निर्धन रेखा से ऊपर व्यक्ति का कब खाद्य असुरक्षित हो सकता है ?
उत्तर-निर्धन रेखा से ऊपर व्यक्ति का उस समय खाद्य असुरक्षित हो सकता है जब कोई राष्ट्रीय आपदा आ जाये या अकाल पड़ जाये बाढ़ आ जाये या सारे देश में अकाल पड़ जाये ।

प्रश्न 19 भूख क्या है ?
उत्तर-भूख न केवल निर्धनता का प्रदर्शन करती है अपितु यह निर्धनता का कारण भी बनती है.

प्रश्न 20. ए० ए० एस० का पूरा नाम लिखें।
उत्तर- ए० ए० एस० का पूरा नाम अन्नपूर्णा प्रणाली ।

प्रश्न 21. अन्नपूर्णा प्रणाली कब लागू की गई और इस प्रणाली का लक्षित समूह कौन है ?
उत्तर - अन्नपूर्णा प्रणाली 2000 में आरम्भ की गई। इस प्रणाली का लक्षित समूह दीन वरिष्ठ नागरिक हैं।

प्रश्न 22. अन्नपूर्णा प्रणाली का लक्षित समूह क्या है इस प्रणाली के अन्तर्गत लक्षित समूह को कितना अनाज निःशुल्क दिया जाता है ?
उत्तर - अन्नपूर्णा प्रणाली का लक्षित समूह दीन वरिष्ठ नागरिक है। इस प्रणाली के अन्तर्गत 10 किलों अनाज लक्षित समूह को बिना किसी पैसे के दिया जाता है ।

प्रश्न 23. टी० पी० डी० एस० का पूरा नाम लिखें। यह प्रणाली कब शुरू की गई थी?
उत्तर- टी० पी० डी० एस० का पूरा नाम लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली है। इस प्रणाली को 1997 में शुरू किया गया था।

प्रश्न 24. अन्त्योदय योजना कब शुरू की गई थी और इस का लक्षित समूह क्या है ? 
उत्तर- अन्त्योदय योजना 2000 में शुरू की गई थी। इसका लक्षित समूह निर्धनों में निर्धन है।

प्रश्न 25. आर० पी० डी० एस० का पूरा नाम लिखें। इस प्रणाली का लक्षित समूह क्या है ?
उत्तर - आर० पी० डी० एस० का पूरा नाम नवीनीकृत सार्वजनिक वितरण प्रणाली है। इसका लक्षित समूह दुर्गम आदिवासी पिछड़े सूखा ग्रस्त एवं पर्वतीय क्षेत्रों में उपभोक्ता हैं।

प्रश्न 26. भारतीय खाद्य निगम के पास बफर स्टॉक का स्तर बहुत ऊँचा है। इससे क्या हानियाँ हैं ?
उत्तर- इससे खाद्यान्न के परिवहन पर व्यय बढ़ता है तथा अनाज की गुणवत्ता तथा मात्रा में कमी आती है।

प्रश्न 27. उन राज्यों के नाम लिखें जो निम्नतम समर्थन मूल्य को बढ़ाने के लिये दबाव डालते हैं।
उत्तर-पंजाब, हरियाणा तथा उत्तर प्रदेश निम्नतम समर्थन मूल्य को बढ़ाने के लिये दबाव डालते हैं।

प्रश्न 28. बिहार, उड़ीसा आदि राज्यों में प्रति व्यक्ति प्रति मास औसत उपभोग कितना है ?
उत्तर- बिहार, उड़ीसा आदि राज्यों में प्रति व्यक्ति प्रति मास औसत उपभोग 300 ग्राम है।

प्रश्न 29. सार्वजनिक उपभोग वितरण के कुछ व्यापारी किस प्रकार कदाचार करते हैं। 
उत्तर-अधिक लाभ कमाने के लिये काले बाजार में अन्न बेचना, राशन की दुकानों पर घटिया किस्म का अनाज बेचना, अपनी दुकानें नियमित रूप से न खोलना दि-आदि।

प्रश्न 30. सार्वजनिक वितरण प्रणाली किस प्रकार से भूख तथा अकाल को फैलने से रोकने में सफल रही है ?
उत्तर-अनाज को अधिक क्षेत्रों से कम क्षेत्रों में लाकर सार्वजनिक वितरण प्रणाली भूख तथा अकाल को फैलने से रोकने में सफल रही है।

प्रश्न 31. सार्वजनिक वितरण प्रणाली के घटक लिखें।
उत्तर- निम्नतम समर्थन मूल्य अनाज को इकट्ठा करना तथा राशन की दुकानों पर वितरण के लिये अनाज भेजना सार्वजनिक वितरण प्रणाली के घटक हैं।

प्रश्न 32. न्यूनतम समर्थित मूल्य संख्या से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर- न्यूनतम समर्थित मूल्य से अभिप्राय उस मूल्य से जिस पर भारतीय खाद्य निगम किसानों से खाद्यान खरीदता है। यह मूल्य सरकार के द्वारा निर्धारित किया जाता है।

प्रश्न 33. भारत में सार्वजनिक वितरण प्रणाली का आधारभूत उद्देश्य क्या है ?
उत्तर- भारत में सार्वजनिक वितरण प्रणाली का आधारभूत उद्देश्य निर्धनों को कम कीमत पर अनाज देना और उनकी बढ़ती हुई कीमतों के प्रभाव से संरक्षण देना है।

प्रश्न 34. भारत में कब और कहाँ सबसे अधिक विनाशकारी अकाल पड़ा ? 
उत्तर- भारत में बंगाल में सन् 1770 में सबसे अधिक विनाशकारी अकाल पड़ा। 

प्रश्न 35. भारत में जोते जाने वाली भूमि का क्षेत्रफल क्यों कम हो रहा है।
उत्तर-आर्थिक आवास स्थानों तथा कारखानों के बनने से भारत जोते जाने वाली भूमि का क्षेत्रफल कम हो रहा है।

प्रश्न 36. सार्वजनिक वितरण प्रणाली से वस्तुओं के खुले बाजार में रिसाव से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर- इसका अभिप्राय कार्डधारियों को सहायतार्थ दरों पर खाद्यान्न बेचने के स्थान पर ऊँची कीमत पर बाजार में खाद्यान्नों तथा अन्य वस्तुओं का विक्रय ।

प्रश्न 37. खाद्य सुरक्षा किन कारकों पर निर्भर करती है ?
उत्तर- खाद्य सुरक्षा निम्नांकित कारकों पर निर्भर करती हैं
(क) सार्वजनिक वितरण प्रणाली ।

(ख) शासकीय सतर्कता ।

(ग) खाद्य सुरक्षा के खतरे की स्थिति में सरकार द्वारा की गई कार्यवाही । 

प्रश्न 38. निम्न में किन समूह-राज्यों में हम खाद्य-असुरक्षित लोगों की सबसे बड़, संख्या पाते हैं ?
उत्तर - बिहार, झारखण्ड और उड़ीसा ।

प्रश्न 39. अकाल जैसी दशाएँ उड़ीसा में किस स्थान पर वर्षों से बनी हुई है ? 
उत्तर- कालाहांडी, काशीपुर ।

प्रश्न 40. भुखमरी के प्रकार कौन-से हैं ?
उत्तर-दीर्घकालिक भुखमरी तथा मौसमी भुखमरी ।

प्रश्न 41. उपभोक्ता कीमतों को कम रखने के घरेलू उत्पादकों को क्या छूट दिया जाता है ?
उत्तर-सब्सिडी ।

प्रश्न 42. देश भर में लगभग कितनी 'उचित दर वाली दुकानें' अर्थात् राशन की दुकानें
उत्तर- 5.5 लाख

प्रश्न 43. 'निर्धनों में भी निर्धन के लिए कौन-सा राशन कार्ड होता है ? 
उत्तर - अन्त्योदय कार्ड।

प्रश्न 44. एन० एफ० एच० एस० का पूर्ण रूप क्या है ?
उत्तर - राष्ट्रीय स्वास्थ्य एवं पारिवारिक सर्वेक्षण (नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे)

प्रश्न 45. कम कीमत पर राशन कार्ड धारक को, चीनी, खाद्यान्न और मिट्टी तेल की बिक्री कहाँ होती है ?
उत्तर- राशन की दुकान पर ।

प्रश्न 46. 2015-2016 में अनाज के उत्पादन में सर्वाधिक वृद्धि किन दो राज्यों में हुई ?
उत्तर - उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश |

प्रश्न 47. अन्य लोगों के लिए कौन-सा राशन कार्ड होता है ?
उत्तर- ए० पी० एल० कार्ड (एवब पॉवर्टी लाइन ) ।

प्रश्न 48. देश में खाद्य उत्पादन, खाद्य आयात और सरकारी अनाज भंडारों में जमा स्टॉक को क्या कहते हैं ?
उत्तर- खाद्य उपलब्धता ।

प्रश्न 49. भारत में किस दशक में अनाज उत्पादन में सर्वाधिक दशकीय वृद्धि हुई है? 
उत्तर- 1960 से 1970 के दशक में ।

प्रश्न 50. दिल्ली में नियंत्रित दरों पर दूध और सब्जियाँ कौन उपलब्ध करता है ? 
उत्तर- मदर डेयरी ।

प्रश्न 51. अनाज के उत्पादन या वितरण में समस्या आने पर कौन सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं ?
उत्तर- निर्धन परिवार ।

प्रश्न 52. 1943 में बंगाल के अकाल में कितने लोग मारे गए ?
उत्तर- 30 लाख

               लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर 

प्रश्न 1. भारत में लोगों का एक वर्ग अब भी खाद्य से वंचित है ? व्याख्या करें। अथवा, खाद्य सुरक्षा क्यों आवश्यक है ?
उत्तर- खाद्य सुरक्षा समाज के गरीब वर्गों के लिए ही आवश्यक नहीं है बल्कि यह गरीबी रेखा के ऊपर रह रहे लोगों के लिए भी आवश्यक होता । वे भी खाद्य असुरक्षित हो जाते हैं जब देश भूकम्प, बाढ़, सूखा, सुनामी, फसलों की ऊपज में व्यापक गिरावट के कारण पैदा हुए अकाल जैसी आपदाओं का सामना करता है। भारत में होने वाला सर्वाधिक विनाशकारी अकाल 1943 में बंगाल का अकाल था जिससे तत्कालीन बंगाल प्रान्त में लगभग 30,00,000 लोगों की जानें गईं। यद्यपि ऐसा विनाशकारी अकाल पुनः नहीं हुआ है। परन्तु आज भी भारत में उड़ीसा का कालाहांडी एवं काशीपुर, राजस्थान का बारन जिला, झारखंड का पलामू जिला एवं कई अन्य ऐसे सुदूर क्षेत्र हैं जहाँ कई वर्षों से अकाल जैसी स्थितियाँ विद्यमान हैं। जनसंख्या का एक वर्ग अब भी खाद्य से वंचित है। इन स्थानों में कुछ भुखमरी की घटनाएँ भी हुई हैं। इसलिए सभी लोगों एवं समयों में खाद्य सुनिश्चित करने के लिए देश में खाद्य सुरक्षा की आवश्यकता है।

प्रश्न 2. जब कोई आपदा आती है तो खाद्य की आपूर्ति पर क्या प्रभाव पड़ता है ?
उत्तर - निरसदेह भूकम्प, बाढ़, सूखा, सुनामी, फसलों की व्यापक बर्बादी के कारण हुए अकाल जैसी आपदा के दौरान खाद्य सुरक्षा प्रभावित होती है। यदि कोई आपदा जैसे बाद आती है, तो खाद्यान्नों का कूल उत्पादन एवं आपूर्ति कम हो जाती है। इससे प्रभावित क्षेत्रों में खाद्य की कमी उत्पन्न हो जाती है। खाद्य की कमी से खाद्यान्नों की कीमतें बढ़ जाती है। कुछ लोग ऊँची कीमतों पर खाद्य नहीं खरीद पाते हैं। स्थिति तब और गंभीर हो जाती है तब ऐसी आपदा अति व्यापक क्षेत्र एवं लंबी अवधि के लिए आती है। इसरो भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। यदि यह भुखमरी व्यापक स्तर पर होती है तो यह अकाल का रूप ले लेती है। अकाल के दौरान भुखमरी से बड़ी संख्या में लोगों की जानें जाती हैं। प्रभावित क्षेत्रों में दूषित जल एवं सड़े हुए खाद्य के प्रयोग तथा खाद्य के अभाव में होने वाली कमजोरी के कारण शारीरिक प्रतिरोधी क्षमता में कमी होने से विनाशकारी महामारी फैल जाती है।

प्रश्न 3. मौसमी भुखमरी और दीर्घकालिक भुखमरी में भेद करें।
उत्तर- भुखमरी खाद्य असुरक्षा को व्यक्त करती है। इस प्रकार, खाद्य असुरक्षा की प्राप्ति का अर्थ है- वर्तमान भुखमरी की समाप्ति और भविष्य में भुखमरी के खतरे में कमी।

भुखमरी मौसमी या दीर्घकालिक दो प्रकार की हो सकती है जो निम्नांकित है-

(क) मौसमी भुखमरी - मौसमी भुखमरी फसल उपजाने और काटने के चक्र से संबद्ध हैं। इस प्रकार की भुखमरी ग्रामीण क्षेत्रों में मुख्य रूप से कृषि कार्यों की मौसमी प्रकृति के कारण उत्पन्न होती है। यह नगरीय क्षेत्रों में अनियमित श्रम के कारण होती है। जैसे बरसात के मौसम में अनियमित निर्माण श्रमिक को कम काम मिलता है। इस तरह की भुखमरी तब होती है जब कोई व्यक्ति पूरे वर्ष काम पाने में अक्षम रहता है।

(ख) दीर्घकालिक भुखमरी- दीर्घकालिक भुखमरी निरन्तर अपर्याप्त असुरक्षित एवं अपौष्टिक आहारों के कारण होती है। गरीब लोग अपनी अत्यंत निम्न एवं अनियमित आय के कारण दीर्घकालिक भुखमरी से पीड़ित होते हैं। वे जीवित रहने के लिए भी खाद्य पदार्थ खरीदने में अक्षम होते हैं ।

प्रश्न 4. सरकार बफर स्टॉक क्यों बनाती है ?
उत्तर - बफर स्टॉक खाद्यानों का भंडार होता है। उदाहरण के लिए, गेहूँ और चावल का उत्पादन भारतीय खाद्य निगम (एफ० सी० आई०) के माध्यम से सरकार द्वारा भंडारित होता है। एफ० सी० आई० उन राज्यों के किसानों से गेहूँ और चावल खरीदती है जहाँ अधिशेष उत्पादन होता है। वह कीमत जिस पर सरकार यह अधिशेष खरीदती है, उसे न्यूनतम समर्थित कीमत (एम० आर० पी०) कहते हैं। फसलों के उत्पादन को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से बुआई के मौसम से पहले सरकार न्यूनतम समर्थित कीमत की घोषणा करती है। खरीदे हुए .

अनाज खाद्य भंडारों में रखे जाते हैं। वास्तव में, बफर स्टॉक कमी वाले क्षेत्रों में और समाज के गरीब वर्गों में बाजार कीमत से कम कीमत पर अनाज के वितरण के लिए किया जाता है। इस कीमत को निर्गम कीमत भी कहते हैं बफर स्टॉक खराब मौसम में या फिर आपदा काल में अनाज की कमी की समस्या हल करने में भी मदद करता है।

प्रश्न 5. उचित दर की दुकान पर टिप्पणी लिखें।
उत्तर- उचित दर वाली दुकानें भारतीय खाद्य निगम द्वारा अधिप्राप्त अर्थात् संचित अनाज को सरकार द्वारा विनियमित राशन दुकानों के माध्यम से समाज के गरीब वर्गों में वितरित की जाती है। इन राशन की दुकानों को उचित दर वाली दुकानें भी कहा जाता है। कोई भी परिवार अपने राशन कार्ड से अनाज, मिट्टी का तेल, चीनी आदि की एक निश्चित मात्रा प्रतिमाह उचित दर वाली दुकानों से खरीद सकता है।

प्रश्न 6. भारत में सार्वजनिक खाद्यान्नों के बड़े-बड़े भंडारों के पीछे दो कारणों का वर्णन करें ।
उत्तर- भारत में सार्वजनिक खाद्यान्नों के बड़े-बड़े भंडारों के मुख्य कारण निम्नांकित हैं-

(क) निम्नतम समर्थन मूल्य में वृद्धि होना ।

(ख) खाद्यान्न के बड़े-बड़े भंडारों का दूसरा कारण, सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अन्तर्गत बिक्री की मात्रा में कमी आना है। बिक्री की मात्रा में कमी आने का मुख्य कारण यह है कि निर्धनता रेखा से ऊपर रहने वाले परिवारों को राशन की दुकानों से खाद्यान्न खरीदने में कोई विशेष लाभ नहीं होता। वे प्रायः खुले बाजार में खाद्यान्न खरीदना अधिक पसन्द करते हैं ।

प्रश्न 7. सार्वजनिक वितरण प्रणाली के कुछ व्यापारियों द्वारा अपनाएँ गये भ्रष्ट तरीके लिखें ।
उत्तर- सार्वजनिक वितरण प्रणाली के कुछ व्यापारी निम्नांकित भ्रष्ट तरीकों का सहारा लेते हैं-

(क) राशन की दुकान के अनाजों को अधिक लाभ कमाने के लिये खुले बाजार में बेचना ।

(ख) राशन की दुकान पर घटिया अनाज बेचना ।

(ग) दुकान को नियमित रूप से न खोलना ।

(घ) राशन की दुकान में कई फर्जी प्रविष्टियाँ करना ।

प्रश्न 8. सार्वजनिक वितरण प्रणाली क्या है ?
उत्तर- भारतीय खाद्य निगम द्वारा अधिप्राप्त अनाज को सरकार द्वारा विनियमित राशन दुकानों के माध्यम से समाज के गरीब वर्गों में वितरित की जाती है, जिसे सार्वजनिक वितरण प्रणाली कहते हैं। इन राशन दुकानों में चीनी, खाद्यान्न और खाना पकाने के लिए मिट्टी के तेल का भंडार होता है। ये सब बाजार कीमत से कम कीमत पर लोगों को बेचे जाते हैं। राशन कार्ड रखने वाला कोई भी परिवार प्रतिमाह इनकी एक निश्चित मात्रा निकटवर्ती राशन की दुकान से खरीद सकता है।

प्रश्न 9. खाद्यान्न के भण्डार को कम करने के लिए सरकार के द्वारा अपनाये गये उपाय लिखें ।
उत्तर- खाद्यान्न के भण्डार को कम करने के लिए सरकार ने निम्नांकित कदम उठाये

(क) निर्धनता रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों के लिये अनाज की मात्रा 20 किलोग्राम प्रति मास प्रति परिवार से बढ़ा कर 25 किलोग्राम प्रति मास परिवार कर दी गई है ।

(ख) अन्नपूर्णा योजना के अन्तर्गत दरिद्र वरिष्ठ नागरिकों को निःशुल्क 10 किलोग्राम अनाज देने की व्यवस्था की गई है।

                 दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर 

प्रश्न 1. भारत में खाद्य की सुरक्षा कैसे सुनिश्चित की जाती है ?
उत्तर- खाद्य सुरक्षा का अर्थ है- सभी लोगों के लिए सदैव भोजन की उपलब्धता, पहुँच और उसे प्राप्त करने का सामर्थ्य । इस प्रकार, खाद्य सुरक्षा की धारणा के निम्न आयाम हैं

(क) खाद्य की उपलब्धता- खाद्य सुरक्षा के अन्तर्गत जनसंख्या के लिए खाद्य की भौतिक उपलब्धता आता है। इसमें देश के भीतर खाद्य उत्पादन, खाद्य आयात एवं सरकारी अन्न भंडारों में एकत्रित पिछले वर्षों के भंडार शामिल होता है।

(ख) खाद्य की सुलभता या पहुँच- इसका अर्थ होता है कि खाद्य प्रत्येक व्यक्ति की पहुँच के भीतर हो ।

(ग) खाद्य की समर्थता - इसका अर्थ है- प्रत्येक व्यक्ति के पास अपनी आवश्यकता का खाद्य खरीदने के लिए पर्याप्त पैसा हो ।

(घ) पौष्टिक खाद्य उपलब्ध खाद्य व्यक्ति की आहार संबंधी आवश्यकता को पूरा करने के लिए पर्याप्त मात्रा में ही नहीं, बल्कि सुरक्षित एवं पौष्टिक भी होनी चाहिए ।

(ङ) सभी समयों में उपलब्ध एक देश किसी विशेष समय में खाद्य में आत्म-निर्भर प्राप्त कर सकता है परन्तु खाद्य सुरक्षा से आशय दीर्घकाल के लिए खाद्य में आत्म-निर्भरता होता है।

प्रश्न 2. हरित क्रांति ने भारत को खाद्यान्नों में आत्मनिर्भर बना दिया है, कैसे ? वर्णन करें।
उत्तर- जब भारत स्वाधीन हुआ तो देश में खाद्यान्नों की भीषण कमी थी। इसके फलस्वरूप भारत को अन्य देशों से विशाल मात्रा में अनाजों का आयात करना पड़ता था। यह अनाज अधिकतर अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और अन्य देशों से मंगाया जाता था। इस स्थिति का सामना करने के लिए भारत सरकार ने कृषि की स्थिति सुधारने के लिए विभिन्न प्रौद्योगिकीय और संस्थागत सुधार किये जो निम्नाकित है-

प्रथम पंचवर्षीय योजना में कृषि को विशेष महत्व दिया गया। सिंचाई के लिए कई योजनाएं बनाई गई और कम उपजाऊ भूमि को भी खेती योग्य बनाने के लिए कदम उठाए गए नए और वैज्ञानिक ढंग से कृषि के साधन अपनाए गए। नए और अधिक देने वाले बीज तैयार किए गए किसानों को खाद इस्तेमाल करने के लिए प्रोत्साहित किया गया जो उन्हें कम कीमत पर देने का प्रबन्ध किया गया। इन सब उपायों के फलस्वरूप ही छठे दशक में कृषि में एक महान् क्रांति हुई और कृषि वस्तुओं का उत्पादन तेजी से बढ़ा । विशेष रूप से गेहूँ और चावल आदि खाद्यान्नों के उत्पादन में पंजाब और हरियाणा के राज्यों में रिकार्ड वृद्धि हुई। कृषि उत्पादन में हुई इस महान क्रांति को हरित क्रांति का नाम दिया गया है।

इस हरित क्रांति ने न केवल गेहूँ और चावल आदि के उत्पादन में आत्म-निर्भर बनाया है वरन् भारतीय समाज पर बड़े गहरे सामाजिक आर्थिक प्रभाव डाले हैं। अब हम कृषि के क्षेत्र में प्राप्त की गई अपनी सफलता पर गर्व कर सकते हैं। अब हमें अपना भोजन दूसरे देशों से नहीं मंगवाना पड़ता। क्या यह हमारी महान सफलता नहीं है। भोजन माँगने की ऐसी अवस्था हमारे लिए कितनी लज्जाजनक थी। इसके अतिरिक्त अब हरित क्रांति के परिणामस्वरूप बहुत-सी विदेशी मुद्रा बच जाती है जो पहले खाद्यान्नों के मामले में स्वावलम्बी बन चुके हैं हमें यह स्थिति बरकरार रखनी चाहिये। इसके लिए जहाँ हमें कृषि के क्षेत्र में अधिक से खाद्य-पदार्थ तथा अन्य कृषि सम्बन्धी सामग्री पैदा करनी चाहिए वहाँ अपनी जनसंख्या को भी सीमित रखना होगा ।

प्रश्न 3. गरीबों को खाद्य सुरक्षा देने के लिए सरकार ने क्या किया ? सरकार की ओर से शुरू की गई किन्हीं दो योजनाओं की चर्चा करें ।
उत्तर- गरीबों को खाद्य सुरक्षा देने के लिए हमारी सरकार अपनी खाद्य सुरक्षा प्रणाली को सावधानीपूर्वक तैयार करती है।

इस प्रणाली के दो घटक हैं-

(क) बफर स्टॉक और

(ख) सार्वजनिक वितरण प्रणाली ।

बफर स्टॉक अनाजों का सरकारी भंडार है जबकि सार्वजनिक वितरण प्रणाली गरीबों में सरकार विनियमित राशन की दुकानों के माध्यम संचित अनाजों को वितरित करने की प्रणाली है। 1970 के दशक में खाद्य संबंधी तीन महत्त्वपूर्ण अंतःक्षेप कार्यक्रम प्रारंभ किए

(क) सार्वजनिक वितरण प्रणाली को अधिक प्रभावशाली बनाया गया है। 

(ख) एकीकृत बाल्य विकास सेवाएँ वर्ष 1975 में प्रारंभ की गई। 

(ग) काम के बदले अनाज वर्ष 1977-78 में शुरू की गई। वर्तमान में अनेक गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम चल रहे हैं जो खाद्य सुरक्षा कार्यक्रमों को भी शामिल करते हैं। ये गरीबों की आय बढ़ाकर अपना योगदान देते हैं। जबकि कई कार्यक्रम जैसे सार्वजनिक वितरण प्रणाली, दोपहर का भोजन आदि विशेष रूप से खाद्य की दृष्टि से सुरक्षा के कार्यक्रम हैं। पिछले वर्षों में सार्वजनिक वितरण प्रणाली को और अधिक कारगर बनाया गया है। इसके अलावा, वर्ष 2000 में 'गरीबों में भी सर्वाधिक गरीब' और 'दीन वरिष्ठ नागरिक' समूहों पर लक्षित दो विशेष योजनाएँ प्रारंभ की गई-

(क) अंत्योदय अन्न योजना- इस योजना के अन्तर्गत अब 35 किलोग्राम अनाज प्रत्येक पात्र परिवार को ₹2 प्रति किलोग्राम गेहूँ और ₹3 प्रति किलोग्राम चावल की दर से उपलब्ध कराया जाता है।

(ख) अन्नपूर्णा योजना - इस योजना के अन्तर्गत दीन वरिष्ठ नागरिकों को 10 किलोग्राम अनाज मुफ्त दी जाती है। इन दोनों योजनाओं का संचालन सार्वजनिक वितरण प्रणाली के वर्तमान नेटवर्क से जोड़ दिया गया है।

प्रश्न 4. राशन की दुकानों के संचालन में क्या समस्याएँ हैं ?
उत्तर- राशन की दुकानों के संचालन में समस्याएँ - भारतीय खाद्य निगम द्वारा एकत्रित किया गया अनाज निर्धन लोगों को राशन की दुकानों द्वारा उपलब्ध कराया जाता है जो देश के बहुत से भागों- गाँवों, जिलों, कस्बों और नगरों में स्थापित की गई हैं। इस समय देश में कोई 4.6 लाख से भी अधिक राशन की दुकानें हैं। यह राशन की दुकानें लोगों को गेहूँ, चावल, चीनी और मिट्टी का तेल आदि वस्तुएँ बाजार की कीमत से कम कीमत पर उपलब्ध कराते हैं। कोई भी गरीब परिवार ये चीजें अपनी निकट की राशन की दुकान से प्राप्त कर सकता है। परन्तु हाल में राशन की इन दुकानों के संचालन में अनेक त्रुटियाँ दृष्टिगोचर हुई हैं और अनेक समस्याएँ पाई गई हैं, जो निःसन्देह एक सोच का विषय है। 

(क) सर्वप्रथम, यह कहा जाता है कि निर्धन लोगों को राशन की दुकानों से चीजें मिलती हैं वे घटिया प्रकार की होती हैं, इसलिए उनको अपने आवश्यकता की चीजें बाजार से ही खरीदनी पड़ती है।

(ख) दूसरे राशन की दुकानों के डीलर राशन के सामान को अधिक लाभ कमाने के उद्देश्य से खुले बाजार में बेच देते हैं। कई बार उन्हें चक्की वालों को गेहूँ बेचते हुए प्रायः देखा जा सकता है।

(ग) कुछ राशन डीलर कम तोल कर भी गरीबों को ठगने का प्रयास करते हैं। 

(घ) कुछ राशन डीलर कभी-कभार अपनी दुकानें खोलते ही नहीं ताकि निर्धन लोग अपने राशन का कोटा ले ही न सकें।

(ङ) कई बार भारतीय खाद्य निगम की ओर से ही राशन के दुकानदारों को घटिया प्रकार की सामग्री मिल जाती है, जो काफी समय तक उनकी दुकानों पर ही सड़ती रहती है।

(च) तीन प्रकार के कार्डो के बनने से राशन की दुकानों का सारा काम ही काफी उलझनपूर्ण हो गया है। किसको किस मूल्य से राशन देना है, काफी उलझने पैदा कर देता है इसलिए बहुत से राशन डीलर अपने आप ही अपना काम बंद करने को विवश हो जाते हैं।

(छ) विशेषकर ऐसे परिवार जो गरीबी रेखा से ऊपर हैं, उन्हें इन राशन की दुकानों का कोई लाभ नहीं रहा क्योंकि उन्हें राशन की दुकानों से बाजार मूल्य पर ही चीजें मिलती है इसलिए वे राशन की दुकानों से राशन लेना बंद कर देते हैं।

प्रश्न 5. खाद्य और सम्बन्धित वस्तुओं को उपलब्ध कराने में सहकारी समितियों की भूमिका पर एक टिप्पणी लिखें।
उत्तर- खाद्य और सम्बन्धित वस्तुओं को उपलब्ध कराने में सहकारी समितियों की 
भूमिका- देश के कुछ विशेष भागों, विशेषकर दक्षिण और पश्चिम के भागों में, सहकारी समितियाँ भी खाद्य सुरक्षा में बड़ी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। यू समितियों गरीब लोगों के लिये बड़ी सहायता का कार्य करती हैं। उन्हें खाद्यान्न सस्ते दामों पर मिल सकें इस उद्देश्य की पूर्ति के लिये वे कम कीमत वाली दुकानें खोलती है। निम्नांकित क्षेत्रों में उनकी भूमिका प्रशंसनीय हैं ।

(क) ऐसा देखा गया है कि तमिलनाडु जैसे कुछ राज्यों में राशन की जितनी भी दुकानें हैं उनका 94% भाग इन सहकारी समितियों के माध्यम से ही चलाया जाता है।

(ख) दिल्ली जैसे स्थानों पर इन सहकारी समितियों की महत्त्वपूर्ण भूमिका रहती है। उदाहरणार्थ दिल्ली में मदर डेयरी उपभोक्ताओं को काफी उचित मूल्य पर दूध और कई बार सब्जियाँ आदि भी सप्लाई करती है।

(ग) गुजरात में अमूल जैसी अनेक सहकारी समितियाँ हैं जिन्होंने वहाँ बड़े उचित दामों में लोगों को दूध और दूध की बनी चीजें सप्लाई करना शुरू किया हुआ है। इसने अब गुजरात से बाहर भी दूध और दूध उत्पादों को लोगों तक उचित दामों में पहुँचना शुरू कर दिया है। इस प्रकार समिति ने देश में श्वेत क्रांति ला दी है ।

(घ) केवल यह नहीं महाराष्ट्र में एक अन्य सहकारी संस्था, एकेडमी ऑफ डेवलेपमेंट ऑफ साइंस ने विभिन्न गैर-सरकारी संगठनों की अनाज बैंकों की स्थापना में विशेष सहायता की है। इन अनाज बैंकों ने जनसाधारण, विशेषकर निर्धन वर्ग के लोगों को खाद्य सुरक्षा उपलब्ध कराने में महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा की है।

इस प्रकार खाद्य सुरक्षा उपलब्ध कराने की दिशा में सहकारी समितियों की भूमिका प्रशंसनीय हैं।

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