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BATTLE OF ÇANAKKALE/GALLIPOLI EXPLAINED IN HINDI

पिछले दिनों तुर्की का राष्ट्रपति रेसेप तैयब अर्दोगान (Recep Tayyip Erdogan) पाकिस्तान की संसद के संयुक्त अधिवेशन में गया और भाषण दिया. अपने भाषण में उसने कश्मीर पर पाकिस्तान का पक्ष लिया और कश्मीर में होने वाली घटनाओं की तुलना प्रथम विश्व युद्ध के समय Çanakkale  युद्ध (Battle of Çanakkaleसे की.

ÇANAKKALE युद्ध क्या है?

  • Çanakkale युद्ध को गेलीपोली अभियान (Gallipoli campaign) अथवा दार्दानेल्ज़ अभियान (Dardanelles campaign) के नाम से भी जाना जाता है. यह युद्ध प्रथम विशे युद्ध के सबसे अधिक रक्तरंजित युद्धों में से एक है जिसमें एक ओर ओटमन सेना थी तो दूसरी ओर मित्रसेना. युद्ध में दोनों पक्षों के हजारों सैनिक मर गये.
  • मित्रसेना चाह रही थी कि दार्दानेल्ज़ जलडमरूमध्य और गेलीपोली प्रायद्वीप पर कब्ज़ा कर ले.
  • इस युद्ध में मित्रसेना अपने उद्देश्य में सफल नहीं हुई क्योंकि एक तो उसे उस भूभाग की पर्याप्त जानकारी नहीं थी तो दूसरी ओर तुर्की सेना ने भी जमकर लोहा लिया.

ÇANAKKALE युद्ध का महत्त्व

  • इस युद्ध में जीत को ओटोमनों की महान जीत माना जाता है.
  • तुर्की के लोग इसको अपने इतिहास का निर्णायक मोड़ मानते हैं.
  • इसी युद्ध के कारण तुर्की में स्वतंत्रता संग्राम आरम्भ हुआ और आठ वर्षों के पश्चात् तुर्की गणराज्य स्थापित हुआ.
  • इस युद्ध की छाप सुदूर ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड पर भी पड़ी. ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड गेलीपोली अभियान की तिथि – अप्रैल 25 – को ANZAC दिवस के रूप में मनाते हैं और इस दिन युद्ध में बलिदान देने वालों को याद किया जाता है.

ANZAC दिवस में क्या हुआ?

  • ANZAC का पूरा नाम है – Australian and New Zealand Army Corps.
  • 1915 में प्रथम विश्व युद्ध के दौरान ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड की सेनाओं ने एकसाथ तुर्की के गेलीपोली में कदम रखा था.
  • दरअसल इन दोनों देशों की सैन्य टुकड़ियाँ भी उस संयुक्त दस्ते का हिस्सा थीं जिसे गेलीपोली प्रायद्वीप पर कब्जा करना था.
  • 8 महीने तक इस अभियान में न्यूजीलैंड के करीब 3 हजार सैनिक मारे गए थे.
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